प्रकाशित तिथि: 28 मार्च 2025
चैत्र नवरात्रि 2025 का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना के लिए मनाया जाता है। इस लेख में हम चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथि, समय, इतिहास, महत्व और पूजा विधि की विस्तृत जानकारी देंगे।
चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च से होगी और समापन 7 अप्रैल को होगा। राम नवमी 6 अप्रैल को मनाई जाएगी।
घटस्थापना मुहूर्त (कलश स्थापना)
- तिथि: 30 मार्च 2025, रविवार
- समय: सुबह 06:13 AM से 10:22 AM तक
- अवधि: 4 घंटे 08 मिनट
- अभिजीत मुहूर्त: 12:01 PM से 12:50 PM
- प्रतिपदा तिथि आरंभ: 29 मार्च 2025, 04:27 PM
- प्रतिपदा तिथि समाप्त: 30 मार्च 2025, 12:49 PM
चैत्र नवरात्रि का इतिहास
चैत्र नवरात्रि माँ दुर्गा की नौ शक्तियों को समर्पित पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा ने मिलकर महिषासुर का वध करने के लिए माँ दुर्गा को उत्पन्न किया था। यह युद्ध नौ दिनों तक चला, और दसवें दिन महिषासुर का अंत हुआ, जिसे असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक माना जाता है।
इस समय वसंत ऋतु का आगमन भी होता है और हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। कुछ कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीराम ने भी रावण का वध करने से पहले माँ दुर्गा की आराधना की थी।
चैत्र नवरात्रि का महत्व
- आध्यात्मिक शुद्धि: इस दौरान उपवास, ध्यान और पूजा द्वारा आत्मशुद्धि की जाती है।
- नववर्ष की शुरुआत: यह समय नए संकल्पों और शुभ कार्यों के लिए आदर्श माना जाता है।
- धार्मिक अनुष्ठान: माँ दुर्गा की कृपा पाने के लिए पूजा, हवन, भजन-कीर्तन किए जाते हैं।
- नारी शक्ति की आराधना: माँ दुर्गा की पूजा के साथ नारी शक्ति का सम्मान किया जाता है।
भारत में चैत्र नवरात्रि के उत्सव
- उत्तर भारत: मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है।
- महाराष्ट्र: चैत्र नवरात्रि गुड़ी पड़वा के रूप में मनाई जाती है।
- दक्षिण भारत: यहाँ इसे उगादी के रूप में मनाया जाता है।
- पश्चिम बंगाल और ओडिशा: माँ दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है।
नवरात्रि की पूजा विधि और प्रमुख अनुष्ठान
घटस्थापना (कलश स्थापना)
- तांबे, मिट्टी या पीतल के कलश में पानी, आम के पत्ते और नारियल रखकर माँ दुर्गा की मूर्ति के पास स्थापित किया जाता है।
नौ दिन का उपवास
- श्रद्धालु सात्विक आहार ग्रहण करते हैं और अनाज, नमक और तामसिक भोजन से परहेज करते हैं।
- कुछ भक्त निर्जला व्रत रखते हैं और केवल फलाहार करते हैं।
माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा
- पहला दिन: माँ शैलपुत्री
- दूसरा दिन: माँ ब्रह्मचारिणी
- तीसरा दिन: माँ चंद्रघंटा
- चौथा दिन: माँ कूष्मांडा
- पाँचवां दिन: माँ स्कंदमाता
- छठा दिन: माँ कात्यायनी
- सातवां दिन: माँ कालरात्रि
- आठवां दिन: माँ महागौरी
- नौवां दिन: माँ सिद्धिदात्री
कन्या पूजन
- अष्टमी या नवमी को कन्या पूजन किया जाता है।
- कन्याओं को हलवा, पूरी, चने और फल प्रसाद स्वरूप दिया जाता है।
- उन्हें दक्षिणा (पैसे) और वस्त्र देकर सम्मानित किया जाता है।
चैत्र नवरात्रि 2025 से जुड़े सवाल (FAQs)
1. चैत्र नवरात्रि 2025 कब शुरू होगी?
उत्तर: चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से 7 अप्रैल 2025 तक मनाई जाएगी।
2. घटस्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है?
उत्तर: घटस्थापना 30 मार्च 2025 को सुबह 06:13 से 10:22 बजे तक की जा सकती है।
3. चैत्र नवरात्रि में कौन-से देवी स्वरूपों की पूजा होती है?
उत्तर: इस दौरान माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
4. राम नवमी कब है?
उत्तर: राम नवमी 6 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी।
5. क्या चैत्र नवरात्रि में व्रत रखना अनिवार्य है?
उत्तर: नहीं, यह पूरी तरह श्रद्धा और आस्था पर निर्भर करता है।