Published on: May 10, 2025
By: BTI
Location: Rajnandgaon, India
रागी की बाली जब लहराई, तो ALVA Foundation और कृषि विभाग लांजी (जिला बालाघाट) के जज़्बे ने फसल में जान डाल दी। मिट्टी से सोना उगाने का यह हुनर न केवल किसानों की मेहनत का प्रतीक है, बल्कि फाउंडेशन और कृषि विभाग की समर्पित टीम की सच्ची पहचान भी बन चुका है।
“जय जवान, जय किसान” के संदेश के साथ यह प्रदर्शन क्षेत्र किसानों के लिए एक आदर्श उदाहरण बन गया है।

ALVA Foundation द्वारा कृषि विभाग लांजी के सहयोग से 5 एकड़ क्षेत्र में रागी फसल का प्रदर्शन लगाया गया, जिसकी बुवाई 10 जनवरी को की गई थी और यह 30 मई तक पूरी तरह पककर तैयार हो जाएगी।
यह फसल पूरी तरह जैविक विधियों से तैयार की जा रही है। कृषि विशेषज्ञ धनेन्द्र साहू ने बताया कि रसायन मुक्त खेती न केवल फसल को स्वास्थ्यवर्धक बनाती है, बल्कि मिट्टी की सेहत को भी बनाए रखती है।
इस अवसर पर श्री समीर बिसेन ने किसानों को जीरो टिलेज (बिना जुताई की खेती) के लाभों की जानकारी दी। उन्होंने समझाया कि यह तकनीक कैसे किसानों की लागत कम कर, उपज और लाभ दोनों बढ़ा सकती है।
रागी की लहलहाती फसल को देखकर आस-पास के किसानों में उत्साह और जागरूकता आई है। कई किसानों ने कहा कि वे आने वाले मौसम में रागी की खेती को अपनाने का मन बना चुके हैं।
ALVA Foundation और कृषि विभाग लांजी का यह संयुक्त प्रयास जैविक कृषि और सतत खेती की दिशा में एक प्रेरक पहल के रूप में देखा जा रहा है, जो स्थानीय किसानों के लिए एक नया रास्ता खोल सकता है।