15 नवंबर से FASTag नियमों में राहत
UPI पेमेंट पर 25% ही पेनल्टी, खराब टैग पर भी माफी!
Published on: October 04, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
हाईवे पर यात्रा करने वालों के लिए अच्छी खबर! सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल हाईवेज फी (रेट्स एंड कलेक्शन) रूल्स, 2008 में संशोधन किया है, जिसके तहत 15 नवंबर 2025 से टोल प्लाजा पर भुगतान के तरीके बदल जाएंगे। अब बिना वैध FASTag वाले या खराब FASTag वाले वाहनों को नकद में दोगुनी पेनल्टी नहीं देनी पड़ेगी। UPI जैसे डिजिटल तरीके से भुगतान करने पर सिर्फ 1.25 गुना टोल चुकाना होगा। इसके अलावा, अगर वैध FASTag होने पर भी प्लाजा की मशीन फेल हो जाए, तो कोई भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
यह संशोधन नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के 1,200 से अधिक टोल प्लाजाओं पर लागू होगा। मंत्रालय का कहना है कि यह कदम डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने, टोल संग्रह में पारदर्शिता लाने और यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
नए नियमों का सारांश: क्या बदलेगा, क्या रहेगा वही?
पहले फरवरी 2021 से FASTag अनिवार्य होने के बाद बिना टैग या खराब टैग पर दोगुनी फीस वसूली जा रही थी। अब यह सिस्टम और लचीला हो गया है। मुख्य बदलाव इस प्रकार हैं:
स्थिति
पुराना नियम (दोगुनी पेनल्टी)
नया नियम (15 नवंबर 2025 से)
उदाहरण (टोल ₹100 का)
बिना FASTag या खराब FASTag
नकद में दोगुना (₹200)
नकद में दोगुना (₹200); UPI से 1.25 गुना (₹125)
पहले ₹200, अब UPI से सिर्फ ₹125
वैध FASTag लेकिन मशीन फेल
दोगुना भुगतान (₹200)
कोई भुगतान नहीं; बिना रुकावट पार करें
पहले ₹200, अब ₹0 – मशीन एजेंसी की जिम्मेदारी
FASTag के साथ सामान्य भुगतान
सामान्य फीस (₹100)
कोई बदलाव नहीं (₹100)
ये बदलाव उन यात्रियों के लिए राहत हैं जो कभी-कभी FASTag की समस्या से जूझते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आपका FASTag बैलेंस कम है या टैग खराब हो गया है, तो अब नकद लाइन में लगकर दोगुना न चुकाकर UPI QR कोड स्कैन कर सिर्फ 25% अतिरिक्त देकर निकल सकते हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “यह कदम कैश लीकेज रोकने और डिजिटल इंडिया को मजबूत करने का प्रयास है।”
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पृष्ठभूमि: FASTag की शुरुआत और चुनौतियां
FASTag की शुरुआत 2014 में हुई थी, लेकिन 2021 से इसे अनिवार्य बनाया गया। आज 90% से अधिक वाहनों पर इसका उपयोग हो रहा है, जिससे टोल प्लाजाओं पर कतारें कम हुईं और ईंधन बचत 15% तक पहुंची।
हालांकि, खराब टैग, बैलेंस की कमी या मशीन फेल होने की शिकायतें आम थीं। NHAI के अनुसार, रोजाना 50 लाख से अधिक वाहन FASTag से गुजरते हैं, लेकिन 10% मामलों में पेनल्टी लगती है। यह संशोधन उन शिकायतों का समाधान है।
हाल ही में लॉन्च हुए FASTag एनुअल पास (₹3,000 में 200 ट्रिप्स) ने भी डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित किया है। तमिलनाडु, कर्नाटक और हरियाणा में सबसे ज्यादा खरीदारी हुई है।
राजनीतिक और आर्थिक निहितार्थ: डिजिटल पेमेंट को बूस्ट
यह बदलाव आगामी बजट सत्र से पहले आया है, जहां डिजिटल ट्रांजेक्शन पर जोर दिया जा रहा है। NHAI का लक्ष्य 2026 तक 100% डिजिटल टोल संग्रह है। आर्थिक रूप से, इससे टोल राजस्व में पारदर्शिता बढ़ेगी और कतारें कम होंगी, जिससे यात्रा समय 20% घटेगा। लेकिन विशेषज्ञ चेताते हैं कि ग्रामीण इलाकों में UPI पहुंच सुनिश्चित करनी होगी।
यात्रा बनेगी और आसान, लेकिन FASTag अपनाएं
15 नवंबर से लागू होने वाले ये नियम हाईवे यात्रियों के लिए राहत की सांस लाएंगे, खासकर UPI यूजर्स के लिए। फिर भी, NHAI सलाह दे रहा है कि FASTag को हमेशा अपडेट रखें – बैलेंस चेक करने के लिए 913 से मिस्ड कॉल दें। क्या यह बदलाव टोल सिस्टम को पूरी तरह डिजिटल बना देगा?