मुरिया दरबार में विशेष आमंत्रण, आदिवासी परंपराओं का वैश्विक मान्यता प्राप्त पर्व बनेगा और भी भव्य
Published on: September 14, 2025
By: BTNI
Location: Jagdalpur, India
जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में आयोजित होने वाला विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा, जो अपनी अनूठी सांस्कृतिक और आदिवासी परंपराओं के लिए जाना जाता है, इस बार और भी भव्य होने की उम्मीद है। खबर है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस 75 दिनों तक चलने वाले ऐतिहासिक उत्सव में शामिल हो सकते हैं। उनके संभावित आगमन की चर्चा ने न केवल स्थानीय लोगों में उत्साह का संचार किया है, बल्कि इस पर्व को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने की संभावना को भी बल दिया है।
बस्तर दशहरा, जो भारत के सबसे लंबे समय तक चलने वाले उत्सवों में से एक है, आदिवासी समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह उत्सव अपनी अनूठी रस्मों, जैसे मुरिया दरबार, रथ यात्रा और मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है। इस वर्ष मुरिया दरबार में केंद्रीय गृहमंत्री को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है, जो आदिवासी समुदायों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का एक महत्वपूर्ण अवसर है। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने हाल ही में इस दौरे की संभावना को साझा किया, जिसके बाद प्रशासनिक स्तर पर तैयारियाँ तेज हो गई हैं।

हालांकि, उनके दौरे की आधिकारिक पुष्टि अभी प्रतीक्षित है।बस्तर दशहरा हर साल देश-विदेश से हजारों पर्यटकों, शोधकर्ताओं और भक्तों को आकर्षित करता है, जो इस क्षेत्र की अनूठी परंपराओं और जीवनशैली को करीब से देखने आते हैं। मुरिया दरबार, जो इस उत्सव का एक केंद्रीय हिस्सा है, आदिवासी समुदायों को अपनी सांस्कृतिक पहचान और लोक परंपराओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है।
अमित शाह का संभावित आगमन इस उत्सव को और भी खास बनाएगा, क्योंकि यह न केवल बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय मंच पर उजागर करेगा, बल्कि क्षेत्र में आदिवासी विकास, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों को भी रेखांकित करेगा।स्थानीय लोगों का मानना है कि केंद्रीय गृहमंत्री की उपस्थिति बस्तर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगी। यह न केवल क्षेत्र की सांस्कृतिक समृद्धि को विश्व पटल पर ले जाएगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन देगा।
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बस्तर के आदिवासी समुदाय, जो लंबे समय से अपनी परंपराओं को संजोए हुए हैं, इसे एक सम्मान के रूप में देख रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “अमित शाह जी का आना हमारे लिए गर्व की बात है। यह बस्तर की पहचान को और मजबूत करेगा।”प्रशासन इस संभावित दौरे को लेकर सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में जुटा है।
बस्तर दशहरा, जो पहले ही अपनी विशिष्टता के लिए यूनेस्को की नजर में है, इस बार और अधिक चर्चा में रहेगा। जैसे-जैसे उत्सव की तिथियाँ नजदीक आ रही हैं, पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल है, और सभी की निगाहें केंद्रीय गृहमंत्री के अंतिम फैसले पर टिकी हैं। यह दौरा, यदि होता है, तो निश्चित रूप से बस्तर दशहरा को एक नया आयाम देगा, जो आदिवासी संस्कृति और राष्ट्रीय एकता के बीच एक सेतु का काम करेगा।