वैवाहिक विवाद में दोनों पक्षों की सहमति से तय हुआ 32 लाख रुपये का गुजारा भत्ता
Published on: July 8, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
एक अनोखे मामले में, दिल्ली की एक फैमिली कोर्ट में मात्र सात दिन की शादी के बाद उत्पन्न हुए वैवाहिक विवाद का निपटारा त्वरित और आपसी सहमति से हो गया। कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच चली लंबी चर्चा के बाद 32 लाख रुपये के गुजारा भत्ते पर समझौता हुआ, जिसे जज महोदया ने मंजूरी दी।मामला तब शुरू हुआ जब पत्नी की ओर से 40 लाख रुपये के गुजारा भत्ते की मांग की गई, जिसके जवाब में पति ने 30 लाख रुपये की पेशकश की। सुनवाई के दौरान जज महोदया ने दोनों पक्षों को समझौते की दिशा में आगे बढ़ने का सुझाव दिया और 31 लाख रुपये का मध्यस्थता प्रस्ताव रखा।
इसके बाद पत्नी ने अपनी मांग को 35 लाख रुपये तक कम किया, जबकि पति ने अपनी पेशकश को बढ़ाकर 31.5 लाख रुपये कर दिया। अंततः, दोनों पक्षों ने 32 लाख रुपये पर सहमति जताई, और कोर्ट ने इस समझौते को अंतिम रूप दे दिया।जज महोदया ने इस मामले को सुलझाने में अपनी मध्यस्थता की भूमिका निभाते हुए कहा, “न्याय का उद्देश्य दोनों पक्षों के लिए सम्मानजनक और व्यावहारिक समाधान सुनिश्चित करना है।
यह समझौता दोनों पक्षों की सहमति और भविष्य की शांति के लिए एक सकारात्मक कदम है।”इस त्वरित समझौते ने न केवल कोर्ट का समय बचाया, बल्कि दोनों पक्षों को लंबी कानूनी प्रक्रिया से बचने का अवसर भी दिया। यह मामला इस बात का उदाहरण है कि कैसे मध्यस्थता और आपसी समझ से वैवाहिक विवादों का निपटारा जल्दी और प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।यह खबर न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि संवेदनशील मामलों में सहमति और समझौता कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।
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