अमित शाह ने मदुरै रैली में भ्रष्टाचार, तमिल संस्कृति की उपेक्षा और डीएमके शासन की विफलताओं को बताया चुनावी मुद्दा, बीजेपी कार्यकर्ताओं को दिया बूथ स्तर तक पहुंचने का लक्ष्य
Published on: June 09, 2025
By: [BTNI]
Location: Madurai, India
तमिलनाडु की सांस्कृतिक राजधानी मदुरै में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अमित शाह ने राज्य, जिला और मंडल स्तर के बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए डीएमके सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने डीएमके के “अनियंत्रित भ्रष्टाचार” को तमिलनाडु की वित्तीय बदहाली का जिम्मेदार ठहराया और तमिल भाषा व संस्कृति के प्रति उसकी “उदासीनता” को तमिल जनता के गौरव पर चोट बताया। शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को 2026 के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनाकर भ्रष्टाचार-मुक्त शासन और तमिल गौरव की पुनर्स्थापना का संकल्प दिलाया।
डीएमके की नाकामियां गिनाईं, जनता को जगाने का आह्वान
मदुरै के वेलम्मल ग्लोबल हॉस्पिटल ग्राउंड में आयोजित इस विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन में अमित शाह ने कहा, “डीएमके का भ्रष्ट शासन तमिलनाडु को आर्थिक रूप से खोखला कर रहा है। गरीब, महिलाएं और बच्चे इसकी सबसे ज्यादा मार झेल रहे हैं।” उन्होंने डीएमके सरकार पर तमिल भाषा और संस्कृति की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि यह तमिल जनता के गौरव को ठेस पहुंचा रहा है। शाह ने पिछले साल की कल्लाकुरिची शराब त्रासदी का जिक्र करते हुए डीएमके की भ्रष्ट नीतियों को 60 से अधिक लोगों की मौत का कारण बताया।

2026 में बीजेपी-एआईएडीएमके गठबंधन की सरकार का दावा
शाह ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए घोषणा की, “2026 में बीजेपी-एआईएडीएमके गठबंधन तमिलनाडु में एनडीए सरकार बनाएगा। यह बदलाव मैं नहीं, तमिलनाडु की जनता लाएगी।” उन्होंने डीएमके नेता और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के उस बयान का जिक्र किया जिसमें स्टालिन ने कहा था कि शाह डीएमके को हरा नहीं सकते। इस पर शाह ने तंज कसते हुए कहा, “स्टालिन सही हैं, डीएमके को मैं नहीं, तमिलनाडु की जनता हराएगी।”
मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान, तमिल गौरव पर जोर
शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने तमिलनाडु को पिछले 11 वर्षों में 6.63 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की है। उन्होंने संसद में सेंगोल की स्थापना को तमिल संस्कृति के सम्मान का प्रतीक बताया और स्टालिन से अपेक्षा की कि वे इसके लिए मोदी जी को धन्यवाद पत्र लिखें। शाह ने तमिल को भारत की महानतम भाषाओं में से एक बताते हुए इसके लिए मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को तमिल में पढ़ाने की मांग दोहराई।
मदुरै का चयन और सांस्कृतिक महत्व
मदुरै को इस सम्मेलन के लिए चुनने के पीछे इसका सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व बताया गया। शाह ने अपने दौरे की शुरुआत प्रसिद्ध मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ की, जिसे बीजेपी के तमिलनाडु इकाई प्रमुख नैनार नागेंद्रन ने “ऑपरेशन सिंदूर” की संज्ञा दी। उन्होंने मदुरै को “परिवर्तन का शहर” करार देते हुए कहा कि यह सम्मेलन डीएमके के शासन के अंत की शुरुआत है।
Also read- https://www.btnewsindia.com/ममता-बनर्जी-पर-अमित-शाह-का/ https://www.btnewsindia.com/hm-अमित-शाह-ने-की-छग-में-वामपं/
कार्यकर्ताओं को मिशन 2026 का रोडमैप
शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को हर गली, मोहल्ले और घर तक पहुंचकर मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए के समृद्ध और सशक्त तमिलनाडु के विजन को जन-जन तक ले जाने का निर्देश दिया। उन्होंने दिल्ली, हरियाणा, ओडिशा और महाराष्ट्र में बीजेपी की हालिया चुनावी सफलताओं का जिक्र करते हुए तमिलनाडु में भी वैसी ही जीत का भरोसा जताया। शाह ने कार्यकर्ताओं से बूथ-स्तर पर संगठन को मजबूत करने और संभावित सहयोगियों के साथ गठबंधन को और सशक्त करने पर ध्यान देने को कहा।
डीएमके का पलटवार, तमिल गौरव पर बहस तेज
डीएमके ने शाह के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। डीएमके के संगठन सचिव आर.एस. भारती ने चेतावनी दी कि यदि बीजेपी सत्ता में आई तो तमिलनाडु मणिपुर जैसी स्थिति का सामना कर सकता है। उन्होंने पीएम मोदी के उस बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने पुरी जगन्नाथ मंदिर के खजाने की चाबी तमिलनाडु में होने की बात कही थी, और इसे तमिलों का अपमान बताया। डीएमके ने बीजेपी पर तमिल संस्कृति को बदनाम करने का भी आरोप लगाया।
आने वाला समय तमिलनाडु की राजनीति के लिए निर्णायक
शाह की इस रैली ने तमिलनाडु की सियासत में हलचल मचा दी है। बीजेपी और एआईएडीएमके गठबंधन 2026 के चुनाव में डीएमके को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में जुट गया है। दूसरी ओर, डीएमके तमिल गौरव और क्षेत्रीय स्वाभिमान के मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में, अगले डेढ़ साल तमिलनाडु की राजनीति के लिए बेहद रोमांचक और निर्णायक होने वाले हैं।