बकरीद पर कानून व्यवस्था सख्त: यूपी में अवैध कुर्बानी और गौवध पर सरकार का जीरो टॉलरेंस
Published on: June 05, 2025
By: BTNI
Location: Lucknow, India
उत्तर प्रदेश पुलिस ने आगामी ईद-उल-अज़हा (बकरीद) के दौरान खुलेआम पशु बलि, नई परंपराओं को शुरू करने, और अवैध बूचड़खानों में गलत तरीके से जानवरों के वध को रोकने के लिए सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस और प्रशासन ने कई जिलों में अवैध बूचड़खानों और संदिग्ध स्थानों, विशेष रूप से स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों, पर छापेमारी कर कड़ी कार्रवाई की है। यह अभियान गौवध निवारण अधिनियम, 1955, और पर्यावरणीय नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए चलाया गया है।

प्रमुख जिलों में कार्रवाई
वाराणसी: पुलिस ने कमलगढ़ा और आसपास के क्षेत्रों में अवैध बूचड़खानों पर छापे मारे। यहाँ कई स्कूलों और खुले स्थानों की जाँच की गई, जहाँ अवैध बलि की आशंका थी। बिना लाइसेंस संचालित इकाइयों को सील कर दिया गया।
प्रयागराज: प्रशासन ने संदिग्ध स्थानों, विशेष रूप से कुछ स्कूल परिसरों, में जाँच की और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई। दो बूचड़खानों को बंद किया गया और मांस की दुकानों पर लाइसेंस की जाँच की गई।
गाजियाबाद: कैला भट्टा क्षेत्र में स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर छापेमारी की गई। यहाँ पशु क्रूरता और पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के मामले सामने आए, जिसके बाद कई दुकानें सील की गईं।
मेरठ और सहारनपुर: मेरठ में पुलिस ने स्कूलों और आसपास के क्षेत्रों में सघन निगरानी की, ताकि सड़कों या खुले स्थानों पर बलि न हो। सहारनपुर में NGT के निर्देश पर एक बूचड़खाने को बंद कर 6.3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
सरकारी निर्देश और रणनीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बकरीद पर गाय, नीलगाय, और ऊँट जैसे प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी पूर्णतः वर्जित है। कुर्बानी केवल पूर्व निर्धारित और लाइसेंस प्राप्त स्थानों पर ही हो सकती है। सड़कों, स्कूलों, या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बलि देने की कोई भी नई परंपरा शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
12 सूत्रीय एडवाइजरी: सरकार ने स्वच्छता बनाए रखने, नालियों में खून न बहाने, और कुर्बानी की तस्वीरें या वीडियो सोशल मीडिया पर साझा न करने की सलाह दी है।
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निगरानी और तकनीक: ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है। पुलिस को बिना शिकायत के भी कार्रवाई करने का आदेश है।
अपशिष्ट निस्तारण: प्रत्येक जिले में कुर्बानी के बाद अपशिष्ट निस्तारण की व्यवस्था अनिवार्य की गई है।
कानूनी ढाँचा
उत्तर प्रदेश गौवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020: गाय और उसके वंशजों के वध पर सात साल तक की सजा और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना।
NGT और नगर निगम अधिनियम, 1959: बूचड़खानों को पर्यावरण और स्वच्छता मानकों का पालन करना अनिवार्य।
FSSAI नियम: मांस की दुकानों और बूचड़खानों को लाइसेंस और खाद्य सुरक्षा मानकों का अनुपालन करना होगा।
प्रभाव और विवाद
इस कार्रवाई से अवैध बूचड़खानों और गैर-कानूनी बलि पर अंकुश लगा है, लेकिन छोटे मांस व्यापारियों की आजीविका प्रभावित हुई है। कुछ संगठनों ने इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की, लेकिन सरकार ने इसे कानून-व्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण का मामला बताया। वैध बूचड़खाने, जो APEDA के तहत पंजीकृत हैं, सामान्य रूप से संचालित हो रहे हैं, लेकिन तकनीकी अनुपालन में कठिनाइयाँ सामने आई हैं।
जागरूकता और अपील
पुलिस और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे केवल वैध स्थानों पर कुर्बानी करें और अवैध गतिविधियों की सूचना तुरंत दें। सड़कों, स्कूलों, या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बलि देने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश पुलिस का यह अभियान बकरीद को शांतिपूर्ण और कानूनी ढांचे के भीतर मनाने के लिए महत्वपूर्ण है। स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर छापेमारी से अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने में मदद मिली है, और यह पर्यावरण संरक्षण और पशु कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।