ऑनलाइन ठगी के नए-नए तरीकों से कैसे बचें? जानिए फेक कॉल, OTP स्कैम और वायरस से बचाव के जरूरी उपाय और सरकार की साइबर सुरक्षा पहल
Published on: May 15, 2025
By: BTI
आज के डिजिटल युग में हमारे जीवन के लगभग सभी काम इंटरनेट और मोबाइल एप्स के माध्यम से होते हैं। ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट, शॉपिंग, और सोशल मीडिया पर हम अपना ज्यादा समय बिताते हैं। लेकिन इसी डिजिटल दुनिया में साइबर अपराधी भी सक्रिय हैं, जो आपकी जानकारियों का दुरुपयोग कर आपके बैंक खाते से पैसे चुरा लेते हैं या आपकी पहचान चुरा कर अपराध कर सकते हैं।

ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते मामले
साइबर अपराध में सबसे ज्यादा सामने आने वाले मामले फेक कॉल और OTP स्कैम के हैं। अपराधी खुद को बैंक अधिकारी, पुलिस, या सरकारी कर्मचारी बताकर फोन करते हैं और डराने-धमकाने के तरीके अपनाकर आपके बैंक खाते या मोबाइल नंबर की जानकारियां मांगते हैं। वे कहते हैं कि आपकी सुरक्षा के लिए OTP साझा करें या लिंक पर क्लिक करें। असल में वे आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराकर आपके खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
OTP स्कैम क्या है?
OTP (One Time Password) स्कैम में अपराधी आपको फोन कर कहते हैं कि आपके बैंक खाते में कुछ गड़बड़ है या आपका कार्ड ब्लॉक किया जा रहा है। वे आपको एक OTP भेजते हैं और कहते हैं कि यह नंबर साझा करें ताकि वे आपके खाते की समस्या हल कर सकें। यह OTP जैसे ही वे प्राप्त कर लेते हैं, वे आपके खाते से पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।
फर्जी लिंक और वायरस
कई बार आपको फेक कॉल के साथ एक लिंक भी भेजा जाता है, जिसे खोलते ही आपके फोन या कंप्यूटर में वायरस घुस जाते हैं। ये वायरस आपकी निजी जानकारियां चोरी करते हैं या आपके डिवाइस को हैक कर देते हैं।
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साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए जरूरी सावधानियां
कभी भी फोन पर OTP, पासवर्ड या बैंक डिटेल्स साझा न करें। बैंक और सरकारी संस्थाएं कभी भी फोन पर ऐसी जानकारी नहीं मांगतीं।
अनजान नंबर से आए कॉल को ब्लॉक करें और संदिग्ध कॉलर को रिपोर्ट करें।
किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी वैधता जांचें।
मोबाइल और कंप्यूटर पर अपडेटेड एंटीवायरस और सुरक्षा सॉफ्टवेयर रखें।
अपने सोशल मीडिया अकाउंट और बैंक ऐप में मजबूत पासवर्ड लगाएं और दो-तरफा प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) का प्रयोग करें।
अगर आपको किसी धोखाधड़ी का शक हो तो तुरंत अपने बैंक और साइबर पुलिस स्टेशन को सूचित करें।
सरकार और पुलिस के प्रयास
सरकार ने साइबर सुरक्षा जागरूकता के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किए हैं। इसके तहत आम जनता को फोन, सोशल मीडिया और सार्वजनिक जगहों पर साइबर फ्रॉड के खतरे और उनसे बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। इसके अलावा साइबर पुलिसिंग भी तेज की जा रही है ताकि अपराधियों को जल्दी पकड़कर सजा दी जा सके।

निष्कर्ष
डिजिटल दुनिया का सुरक्षित इस्तेमाल तभी संभव है जब हम साइबर खतरों से सजग और सतर्क रहें। सही जानकारी और सावधानी से हम खुद को और अपने परिवार को ऑनलाइन फ्रॉड से बचा सकते हैं। अपने आस-पास के लोगों को भी इस जागरूकता के लिए प्रेरित करें।