लड़की होना गर्व की बात हो, और महिला होना शक्ति का प्रतीक।
समाज, शिक्षा, विज्ञान और नेतृत्व – हर क्षेत्र में बढ़ा रही हैं महिलाएं देश का मान
Published on: May 11, 2025
By: BTI
Location: Rajnandaon/ New Delhi, India
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों, रैलियों और सम्मानों के माध्यम से महिलाओं के योगदान को सराहा गया। इस वर्ष महिला दिवस की थीम “Inspire Inclusion” ने विशेष रूप से उन महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया, जो समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चल रही हैं – शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा, विज्ञान, खेल और व्यापार जैसे क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर ट्वीट कर देश की सभी महिलाओं को शुभकामनाएं दीं और कहा, “भारत की बेटियां आज हर क्षेत्र में देश को गौरवान्वित कर रही हैं। महिला सशक्तिकरण हमारा संकल्प है और हमारा मिशन भी।”
देशभर में उत्सव का माहौल
दिल्ली, मुंबई, भोपाल, कोलकाता और लखनऊ जैसे शहरों में महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। सरकारी और निजी संस्थानों ने कार्यस्थलों पर महिलाओं को सम्मानित किया। स्कूलों और कॉलेजों में छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं और महिला प्रेरणाओं पर भाषण हुए।
संबंधित खबरें- https://www.btnewsindia.com/बिलासपुर-रेल-मंडल-में-मह/ https://www.btnewsindia.com/ensuring-safe-train-travel-for-women-passengers/
ऑपरेशन सिंदूर में महिलाओं की वीरता

हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई निर्णायक कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर में भी भारतीय महिलाओं की भूमिका गौरवपूर्ण रही है।
व्योमिका सिंह, भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर के पद पर कार्यरत, ने इस ऑपरेशन में रणनीतिक योजना के एक महत्वपूर्ण हिस्से का नेतृत्व किया। उनकी तीव्र निर्णय क्षमता और निर्भीकता ने मिशन की सफलता में निर्णायक भूमिका निभाई।
वहीं क़ुरैशी, भारतीय नौसेना की इंटेलिजेंस विंग में वरिष्ठ विश्लेषक, ने दुश्मन की गतिविधियों की सटीक जानकारी प्रदान कर सेना को सटीक लक्ष्य निर्धारण में मदद की। इन दोनों महिलाओं की सेवाएं महिला सशक्तिकरण की सबसे जीवंत मिसाल हैं।
महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियाँ
इस वर्ष महिला दिवस पर कई असाधारण महिलाओं की कहानियाँ सामने आईं:
- डॉ. रिद्धिमा सिंह, जो छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचल में महिला स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काम कर रही हैं, को राष्ट्रपति द्वारा ‘नारी गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
- शीतल वर्मा, जिन्होंने मधुबनी पेंटिंग को विश्व मंच पर पहुंचाया, आज 200 से अधिक ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बना चुकी हैं।
- लेफ्टिनेंट नेहा रॉय, भारतीय नौसेना में पहली बार सबमरीन मिशन पर तैनात होने वाली महिला अधिकारी बनीं।
इन कहानियों ने यह साबित कर दिया कि सीमाएँ अब सिर्फ सोच की हैं, वास्तविक दुनिया में महिलाएं हर चुनौती को पार कर रही हैं।
शिक्षा और नेतृत्व में महिलाएं
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बेटियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने से ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की स्कूलों में उपस्थिति में 35% की वृद्धि दर्ज की गई है। विश्वविद्यालयों में अब 45% से अधिक छात्राएँ हैं, जो देश की भविष्य निर्माता बन रही हैं।
राजनीतिक स्तर पर भी महिलाएं प्रभावशाली भूमिका निभा रही हैं। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिला प्रतिनिधित्व पिछले वर्षों के मुकाबले बढ़ा है। महिला आरक्षण विधेयक को संसद से पारित करवाना इस दिशा में बड़ा कदम रहा।
सामाजिक बदलाव की लहर
जहाँ एक ओर महिलाएं सफलता की नई कहानियाँ लिख रही हैं, वहीं समाज की सोच में भी धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है। बाल विवाह, घरेलू हिंसा और लैंगिक भेदभाव जैसे मुद्दों पर जागरूकता अभियानों से सकारात्मक असर दिख रहा है।
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ”, “उज्ज्वला योजना”, “सुकन्या समृद्धि योजना” जैसी योजनाओं का जमीनी असर अब दिखने लगा है, जिससे करोड़ों महिलाएं सशक्त हुई हैं।
निष्कर्ष
महिला दिवस एक अवसर है यह समझने का कि समाज तभी आगे बढ़ेगा जब महिलाएं हर स्तर पर साथ चलेंगी। यह दिन महज एक समारोह नहीं, बल्कि आत्मनिरीक्षण और संकल्प का दिन है कि हम एक ऐसा समाज बनाएं जहाँ लड़की होना गर्व की बात हो, और महिला होना शक्ति का प्रतीक।