सरगुजा जिले की सहकारी बैंक शाखाओं में 2012 से 2024 के बीच फर्जी खातों के जरिए गबन, ऑडिट में खुली परतें
Published on: June 05, 2025
By: BTNI
Location: Sarguja, India
सरगुजा जिले के अंतर्गत शंकरगढ़ और कुसमी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखाओं में 28 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में तत्कालीन शाखा प्रबंधक अशोक कुमार सोनी की पत्नी समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस घोटाले में कुल 12 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज की गई है, जिसमें से 11 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। यह घोटाला 2012 से 2024 के बीच का है, जिसमें फर्जी खातों के जरिए राशि का गबन किया गया।

मुख्य आरोपी और उनकी भूमिका:
अशोक कुमार सोनी (56 वर्ष): तत्कालीन शाखा प्रबंधक, शंकरगढ़। इस घोटाले का मुख्य आरोपी। उनके व्यक्तिगत खाते में 1.36 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे।
अशोक कुमार सोनी की पत्नी: हालिया समाचारों के अनुसार, उनकी पत्नी को भी इस मामले में सह-आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, उनके नाम और विशिष्ट भूमिका के बारे में स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है। उनकी संलिप्तता संदिग्ध लेनदेन और फर्जी खातों में राशि ट्रांसफर से जुड़ी हो सकती है।
अन्य गिरफ्तार आरोपी:
जांच में शामिल अन्य 9 आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं:
विकासचंद पांडवी (70 वर्ष): सेवानिवृत्त पर्यवेक्षक, अंबिकापुर।
एतवल सिंह (69 वर्ष): सेवानिवृत्त समिति प्रबंधक, दरिमा, सरगुजा।
विजय कुमार उइके (50 वर्ष): सेवामुक्त प्रबंधक, बसंतपुर।
समल साय (65 वर्ष): सेवानिवृत्त शाखा प्रबंधक, भगवतपुर, बलरामपुर।
प्रकाश कुमार सिंह (35 वर्ष): कंप्यूटर ऑपरेटर, शंकरगढ़। उनके खाते में 4.64 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए।
जगदीश प्रसाद (50 वर्ष): सहायक लेखापाल, कुसमी।
तबारक अली: लिपिक, अंबिकापुर।
लक्ष्मण प्रसाद देवांगन (56 वर्ष): संस्था प्रबंधक, मनेंद्रगढ़।
राजेंद्र प्रसाद पांडेय (60 वर्ष): मुख्य पर्यवेक्षक, अंबिकापुर।
सुदेश कुमार यादव (30 वर्ष): समिति प्रबंधक, जमड़ी।
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घोटाले का विवरण:
राशि और तरीका: ऑडिट में पता चला कि शंकरगढ़ और कुसमी शाखाओं में फर्जी खातों के माध्यम से 28 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता की गई। शुरुआती जांच में यह राशि 23 करोड़ रुपये थी, जो ऑडिट के दौरान बढ़कर 28 करोड़ तक पहुंच गई।
लेनदेन: अशोक कुमार सोनी के खाते में 1.36 करोड़ रुपये, प्रकाश कुमार सिंह के खाते में 4.64 लाख रुपये, महामाया कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में 30 लाख रुपये, और अंबिकापुर के एक ज्वेलर्स के खाते में 1.5 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए।
तरीका: आरोपियों ने किसानों के नाम पर फर्जी खाते खोले और सरकारी अनुदान व ऋण राशि को इन खातों में ट्रांसफर कर गबन किया। कई मामलों में किसानों को इस लेनदेन की जानकारी तक नहीं थी।
कार्रवाई:
जांच और गिरफ्तारी: सरगुजा कलेक्टर और जिला सहकारी बैंक के प्राधिकृत अधिकारी विलास भोस्कर के निर्देश पर बलरामपुर पुलिस ने जांच शुरू की। कुसमी थाने में FIR दर्ज की गई, और अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
आगे की जांच: ऑडिट प्रक्रिया अभी जारी है, और घोटाले की राशि बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच हो रही है।