बर्ड फ्लू, मंकीपॉक्स और डेंगू जैसी बीमारियों से बढ़ा खतरा, वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव
Published on: September 21, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों ने चेतावनी जारी की है कि 2025 में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन, वैक्सीनेशन दरों में कमी और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के कारण बर्ड फ्लू (H5N1), मंकीपॉक्स, मीजल्स (खसरा) और डेंगू जैसी बीमारियाँ तेजी से फैल रही हैं। ये रोग न केवल जानलेवा साबित हो रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी बोझ डाल रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिकी रोग नियंत्रण केंद्र (CDC) के अनुसार, इन बीमारियों के कारण 2025 में लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं।प्रमुख उभरती बीमारियाँ और उनके कारणविशेषज्ञों का कहना है कि ये बीमारियाँ मानव गतिविधियों, पर्यावरणीय बदलावों और सार्वजनिक स्वास्थ्य में लापरवाही के कारण उभर रही हैं। निम्नलिखित प्रमुख रोगों पर नजर रखी जा रही है:
बर्ड फ्लू (H5N1 एवियन इन्फ्लुएंजा):
यह वायरस पक्षियों से मनुष्यों में फैल रहा है और 2024 में अमेरिका में 60 से अधिक मानव मामलों की पुष्टि हुई। कारण: डेयरी गायों और मुर्गियों में महामारी, जहां वायरस तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य जोखिम: गंभीर सांस की बीमारी, न्यूमोनिया और 30% तक मृत्यु दर। CDC ने चेतावनी दी है कि मानव-से-मानव संचरण की संभावना बढ़ रही है, जो महामारी का खतरा पैदा कर सकती है।
मंकीपॉक्स (Mpox):
2024 में कांगो से शुरू हुए क्लेड I मंकीपॉक्स ने WHO को आपातकाल घोषित करने पर मजबूर कर दिया। कारण: अफ्रीका में कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली और अंतरराष्ट्रीय यात्रा। स्वास्थ्य जोखिम: त्वचा पर चकत्ते, बुखार, सिरदर्द और गंभीर मामलों में मृत्यु। 2025 में वैश्विक फैलाव की आशंका है, खासकर कम विकसित देशों में।
मीजल्स (खसरा):
वैक्सीनेशन दरों में कमी के कारण 2025 में अमेरिका और यूरोप में नए मामले सामने आ रहे हैं। कारण: महामारी के बाद वैक्सीन हिचकिचाहट और राजनीतिक बहस। स्वास्थ्य जोखिम: बच्चों में गंभीर जटिलताएँ जैसे न्यूमोनिया, एन्सेफलाइटिस और मृत्यु। AMA के अनुसार, नए शहरों में मामले बढ़ रहे हैं।
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ग्रुप A स्ट्रेप्टोकोकस संक्रमण:
फ्रांस में 2022-2024 के बीच बच्चों में गंभीर मामले बढ़े। कारण: बैक्टीरियल संक्रमण का तेज प्रसार, संभवतः एंटीबायोटिक प्रतिरोध के कारण। स्वास्थ्य जोखिम: गंभीर इंफेक्शन, सेप्सिस और मौत।
डेंगू और अन्य वेक्टर-बोर्न रोग:
जलवायु परिवर्तन के कारण मच्छरों का प्रसार बढ़ा है। कारण: गर्म मौसम और शहरीकरण। स्वास्थ्य जोखिम: तेज बुखार, रक्तस्राव और अंग विफलता।
ये बीमारियाँ एंटीबायोटिक प्रतिरोध (AMR) जैसी समस्याओं से जटिल हो रही हैं, जहां 2025-2050 के बीच 39 मिलियन मौतें होने का अनुमान है।स्वास्थ्य प्रभाव और वैश्विक संकटइन बीमारियों के कारण स्वास्थ्य प्रणालियाँ चरम दबाव में हैं। अमेरिका में बर्ड फ्लू से दूध उत्पादन प्रभावित हो रहा है, जबकि अफ्रीका में मंकीपॉक्स ने लाखों को प्रभावित किया।
भारत में डेंगू के मामले मानसून के साथ बढ़ते हैं, जो जलवायु परिवर्तन से जुड़े हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य, कुपोषण और विस्थापन इन जोखिमों को बढ़ा रहे हैं। प्रोजेक्ट HOPE के अनुसार, 2025 में महिलाओं और बच्चों पर सबसे अधिक असर पड़ेगा।डॉ. जेफ फ्राइबर्ग, वैंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी से, ने कहा, “ये रोग नई चुनौतियाँ हैं, लेकिन वैक्सीन और जागरूकता से रोके जा सकते हैं। हालांकि, वैश्विक सहयोग की कमी घातक साबित हो सकती है।”रोकथाम के उपायविशेषज्ञ निम्नलिखित सुझाव दे रहे हैं:वैक्सीनेशन बढ़ाएँ: मीजल्स और बर्ड फ्लू के लिए अभियान चलाएँ।
स्वच्छता और निगरानी: मच्छर नियंत्रण और संपर्क ट्रेसिंग मजबूत करें।
जलवायु कार्रवाई: पर्यावरण संरक्षण से वेक्टर-बोर्न रोगों को रोका जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग: WHO और CDC जैसे संगठनों को मजबूत करें।
लैंसेट जर्नल के अनुसार, 2025 महामारी तैयारी का वर्ष होना चाहिए, न कि लापरवाही का।निष्कर्ष2025 में ये उभरती बीमारियाँ वैश्विक स्वास्थ्य को चुनौती दे रही हैं, लेकिन समय रहते कार्रवाई से इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। सरकारें, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और नागरिकों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। यदि ये रोग अनियंत्रित रहे, तो लाखों जिंदगियाँ खतरे में पड़ सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए WHO और CDC की वेबसाइट्स देखें।