मोगरा बैराज: प्रकृति, पर्यावरण और पेंशनर्स का संकल्प
Published on: May 30, 2025
By: [BTNI]
Location: Rajnandgaon, India
शिवनाथ नदी पर निर्मित मोंगरा बैराज, जो कभी जल से लबालब रहकर जीवन को संबल देता था, आज गर्मी की तपिश में सूखा पड़ा है। हाल ही में छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों ने इस बैराज का भ्रमण किया। खाली बांध का दृश्य देखकर उनके मन में उदासी छा गई। “बिन पानी सब सून” की उक्ति उनके सामने साकार हो उठी। यह दृश्य न केवल एक बैराज की स्थिति को दर्शाता है, बल्कि प्रकृति के असंतुलन और पर्यावरण के प्रति हमारी लापरवाही को भी उजागर करता है।

प्रकृति का संदेश और पेंशनर्स का संकल्प
मोंगरा बैराज का यह दौरा केवल एक भ्रमण नहीं था, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी का एक संदेश भी था। पेंशनर्स ने महसूस किया कि प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए जल संरक्षण और वृक्षारोपण अनिवार्य है। वर्षा, जो बांधों को भरती है, सघन वृक्षों पर निर्भर करती है। वृक्ष न केवल बादलों को आकर्षित करते हैं, बल्कि ऑक्सीजन उत्सर्जन के माध्यम से मानव जीवन को भी संजीवनी प्रदान करते हैं। इस विचार के साथ, सभी पेंशनर्स ने एक प्रेरणादायक संकल्प लिया कि वे प्रत्येक पांच-पांच वृक्ष लगाएंगे। यह संकल्प न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक जीवंत भविष्य की नींव भी है।
Also read- https://www.btnewsindia.com/prasiddhi-sinha-selected-for-national-cultural-talent-search-scholarship-in-kathak/ https://www.btnewsindia.com/samadhan-camp-brings-government-services-to-remote-tribal-village-of-bendari/
संगठन की एकजुटता और सामाजिक दायित्व
इस अवसर पर पेंशनर्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ प्रदेश के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे। इनमें पूर्व अध्यक्ष डॉ. के.एल. टांडेकर, महामंत्री श्री के.पी. सिंह, संगठन सचिव श्री राजेश कुमार रथी, मोहला मानपुर चौकी के जिला अध्यक्ष श्री पूर्णानंद नेताम, तहसील अध्यक्ष श्री बी.एल. कोवाची, चौकी अध्यक्ष श्री सी.आर. देवांगन, वरिष्ठ संरक्षक श्री एच.एल. सेंडे, श्री एम. मानिकपुरी, श्री महेश निषाद और राजनांदगांव जिला अध्यक्ष इंजीनियर जी.आर. देवांगन शामिल थे। इस सभा में न केवल पर्यावरणीय मुद्दों पर चर्चा हुई, बल्कि संगठन की गतिविधियों को और सक्रिय करने, पेंशनर्स की समस्याओं के समाधान के लिए शासन-प्रशासन से सकारात्मक संवाद स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया। सभी ने एकमत होकर इस दिशा में कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई।
पर्यावरण और समाज के लिए एक प्रेरणा
मोंगरा बैराज का यह सूखा दृश्य हमें चेतावनी देता है कि प्रकृति के साथ हमारा रिश्ता संतुलित और जिम्मेदार होना चाहिए। पेंशनर्स का यह संकल्प एक प्रेरणा है कि समाज का प्रत्येक वर्ग, चाहे वह सेवानिवृत्त हो या सक्रिय, पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभा सकता है। वृक्षारोपण जैसा छोटा कदम भी बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकता है। यह प्रयास न केवल मोंगरा बैराज को फिर से जल से लबालब देखने की आशा जगाता है, बल्कि एक स्वस्थ और समृद्ध पर्यावरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण योगदान है।

आइए, हम सभी इस संकल्प से प्रेरणा लें और अपने स्तर पर प्रकृति के संरक्षण में योगदान दें, ताकि हमारी नदियां, हमारे बांध और हमारा पर्यावरण फिर से जीवन से भरपूर हो सकें।