जम्मू-कश्मीर में वंदे भारत और इंजीनियरिंग के चमत्कार ने जापान में लूटी वाहवाही
Published on: July 13, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
जापान के ओसाका में आयोजित वर्ल्ड एक्सपो 2025 में भारतीय रेलवे ने अपनी तकनीकी उत्कृष्टता और आधुनिकता का लोहा मनवाया है। भारतीय रेल मंत्रालय के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर निर्मित विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज ‘चिनाब ब्रिज’, भारत का पहला केबल-स्टेड रेल ब्रिज ‘अंजी खाद ब्रिज’, और अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें वैश्विक आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। यह प्रदर्शनी 13 अप्रैल से 13 अक्टूबर 2025 तक ओसाका के युमेशिमा, एक कृत्रिम द्वीप पर आयोजित हो रही है, जहां दुनिया भर से लाखों लोग भारत की प्रगति को देखने पहुंच रहे हैं।
भारतीय पवेलियन में रेलवे के प्रदर्शन ने विशेष रूप से ध्यान खींचा है। रेल मंत्रालय ने बताया कि चिनाब ब्रिज, जो 359 मीटर की ऊंचाई पर चिनाब नदी के ऊपर बना है, और अंजी खाद ब्रिज, जो हिमालय की चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों में निर्मित भारत का पहला केबल-स्टेड रेल ब्रिज है, ने आगंतुकों को भारतीय इंजीनियरिंग की क्षमता का कायल कर दिया है। इसके साथ ही, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें, जो अपनी गति और यात्रियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के लिए जानी जाती हैं, भारत की टिकाऊ और आधुनिक रेल परिवहन प्रणाली का प्रतीक बनकर उभरी हैं।
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वर्ल्ड एक्सपो 2025 का थीम “डिजाइनिंग फ्यूचर सोसाइटी फॉर अवर लाइव्स” भारतीय रेलवे की सुरक्षित, समावेशी, और टिकाऊ परिवहन की दृष्टि के साथ पूरी तरह मेल खाता है। प्रदर्शनी में इंटरैक्टिव सत्रों और डिजिटल डिस्प्ले के माध्यम से भारतीय रेलवे ने वैश्विक दर्शकों को अपनी प्रगति और नवाचारों से परिचित कराया। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जापानी आगंतुकों ने भारतीय रेल नेटवर्क के विकास और इसके आधुनिकीकरण की कहानी को बड़े उत्साह के साथ सुना।
चिनाब ब्रिज, जो उदयपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है, 1,315 मीटर लंबा है और इसे भूकंपरोधी और 266 किमी/घंटा की रफ्तार वाली हवाओं का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है। वहीं, अंजी खाद ब्रिज, 725 मीटर लंबा, 96 हाई-टेंसाइल केबल्स द्वारा समर्थित है, जो हिमालय की जटिल भूगर्भीय संरचना में एक इंजीनियरिंग चमत्कार है।
इस प्रदर्शनी में भारतीय रेलवे ने न केवल अपनी तकनीकी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया। आगंतुकों ने इन परियोजनाओं की भव्यता और भारत की टिकाऊ विकास की दृष्टि की सराहना की। यह उपलब्धि न केवल जम्मू-कश्मीर के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि यह वैश्विक मंच पर देश की प्रगति और नवाचार की कहानी को बयां करती है।