Published on: May 10, 2025
By: BTI
सोशल मीडिया की ताकत क्या कर सकती है, इसका ताजा उदाहरण है ‘अग्निपथ योजना’ पर बनी रील्स का वायरल होना। एक वक्त था जब इस योजना को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन हुए, युवाओं ने सवाल उठाए, और विपक्ष ने सरकार को घेरा। लेकिन अब वही जनता, खासकर युवा वर्ग, सोशल मीडिया पर रील्स देखकर इस योजना की गहराई को समझने लगी है।
इन रील्स में बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह योजना केवल एक अस्थायी भर्ती प्रक्रिया नहीं है, बल्कि देश के युवाओं को सैन्य अनुशासन, तकनीकी दक्षता और राष्ट्र सेवा की भावना से लैस करने की एक दूरदर्शी पहल है। अब यह बात तेजी से फैल रही है कि मोदी सरकार ने ‘अग्निवीर’ बनाकर न केवल सेना की औसत उम्र को घटाने की सोची, बल्कि इन युवाओं को भविष्य के लिए भी तैयार करने की योजना बनाई।

रील्स में दिखाया गया है कि कैसे चार साल की सेवा के दौरान अग्निवीरों को हाई लेवल ट्रेनिंग, आत्मनिर्भरता और आत्म-गौरव की भावना मिलती है। यही नहीं, सेवा के बाद मिलने वाली ‘सेवा निधि’ और नौकरी के अन्य अवसर उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाते हैं।
युवाओं के बीच इन रील्स का असर साफ नजर आ रहा है। कमेंट सेक्शन में लोग लिख रहे हैं – “अब समझ में आया कि सरकार क्या सोच रही थी।” कुछ लोगों ने तो यह तक कहा कि अगर यह योजना पहले समझ में आ जाती, तो शायद विरोध की जरूरत ही नहीं पड़ती।
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इस बीच, विपक्ष अब भी इसे एक अधूरी योजना बता रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि चार साल की अस्थायी भर्ती से देश की सुरक्षा पर असर पड़ेगा। हालांकि अब जनता खुद जवाब देने लगी है – “जो योजना युवाओं को सम्मान, प्रशिक्षण और भविष्य की राह देती है, वो अधूरी कैसे हो सकती है?”
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बात साफ कर दी है – सूचना के सही माध्यम से जब नीति की मंशा जनता तक पहुंचती है, तो सोच बदलते देर नहीं लगती। मोदी सरकार की अग्निपथ योजना की असली तस्वीर अब लोगों को दिख रही है – और ये बदलाव आया है 30 सेकंड की रील्स के जरिए।
अब सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि जागरूकता और नीति को समझने का सशक्त माध्यम बन गया है। और शायद यही है मोदी सरकार की रणनीति का असली कमाल – “योजना दूरदर्शी होनी चाहिए, और जनता को उससे जोड़ने का तरीका स्मार्ट।”