भारतीय सेना पर अभद्र टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को जमानत
कोर्ट में मांगी माफी
Published on: July 15, 2025
By: BTNI
Location: Lucknow, India
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारतीय सेना के खिलाफ कथित अभद्र टिप्पणी के मामले में लखनऊ की एक अदालत ने जमानत दे दी है। इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था, क्योंकि उन्होंने पांच समन का जवाब नहीं दिया था। आज, 15 जुलाई 2025 को, राहुल गांधी ने अदालत में आत्मसमर्पण किया और ₹20,000-₹20,000 के दो मुचलके बांड जमा करने के बाद जमानत प्राप्त की। सुनवाई के दौरान उन्होंने अदालत में माफी मांगी, जिसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
मामले का विवरण
यह मामला तब शुरू हुआ जब राहुल गांधी पर भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा। इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। आरोपों के बाद, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई थी, और कई समन जारी होने के बावजूद उनकी अनुपस्थिति के कारण कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। आज की सुनवाई में, राहुल गांधी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
कानूनी प्रक्रिया और जमानत
लखनऊ की विशेष अदालत में आज हुई सुनवाई के दौरान, राहुल गांधी ने अपने वकीलों के माध्यम से अदालत में उपस्थिति दर्ज की। उन्होंने दो मुचलके बांड, प्रत्येक ₹20,000 का, जमा किया, जो जमानत की शर्त के रूप में निर्धारित किए गए थे। भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 389 के तहत, जमानत पर रिहाई के लिए कोर्ट ने उनके माफीनामे और मामले की परिस्थितियों को ध्यान में रखा।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस मामले ने सोशल मीडिया, विशेष रूप से X पर, व्यापक चर्चा छेड़ दी है। कई यूजर्स ने इस घटना को लेकर अपनी राय व्यक्त की। एक यूजर,
@jpsin1
, ने लिखा, “योद्धा नहीं है माफीवीर कायर है। इस धूर्त ने भारतीय सेना पर बेहद घटिया और अभद्र टिप्पणी किया था। पांच समन पर भी पेश नहीं हुआ फिर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भेजा और आज अदालत में ₹20000 का मूचलका बांड भरा और माफी मांगा।”
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विवाद का पृष्ठभूमि संदर्भ
भारतीय सेना के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले अक्सर संवेदनशील माने जाते हैं, क्योंकि सेना देश की सुरक्षा और गौरव का प्रतीक है। इस तरह के मामलों में कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ जनता की भावनाएं भी जुड़ी होती हैं। राहुल गांधी का यह मामला भी इसी तरह का है, जहां उनकी टिप्पणी को लेकर विपक्षी दलों और जनता के एक वर्ग ने तीखी आलोचना की थी।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि गैर-जमानती वारंट (NBW) तब जारी किया जाता है, जब कोई व्यक्ति गंभीर अपराधों में शामिल हो या कोर्ट में बार-बार अनुपस्थित रहे। सुप्रीम कोर्ट ने 1 मई 2024 को स्पष्ट किया था कि NBW केवल तभी जारी किया जाना चाहिए, जब आरोपी के फरार होने या साक्ष्य नष्ट करने की संभावना हो। इस मामले में, राहुल गांधी की कोर्ट में उपस्थिति और माफीनामे ने जमानत की प्रक्रिया को आसान बनाया।
आगे की राह
यह मामला अभी भी चर्चा का विषय बना हुआ है, और इसकी सुनवाई की अगली तारीख पर सभी की नजरें रहेंगी। राहुल गांधी की ओर से कोई आधिकारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि वे इस मामले को राजनीतिक रूप से निपटाने की कोशिश करेंगे। दूसरी ओर, आलोचकों का कहना है कि सेना जैसे संवेदनशील मुद्दे पर टिप्पणी करने से पहले नेताओं को सावधानी बरतनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने कोर्ट में अब तक तीन बार माफी मांगी है, जो मुख्य रूप से राफेल (‘चौकीदार चोर है’), आरएसएस (गांधी हत्या), और भारतीय सेना पर टिप्पणी से संबंधित हैं। अन्य मामलों में, उन्होंने माफी मांगने से इनकार किया है, जिसके कारण उनकी कानूनी चुनौतियां बढ़ी हैं। देश की पूरी नजर उनके रवैए पर टिकी हुई है और उनकी हरकतों पर बारीकी नजर रखी जा रही है। हाल फिलहाल वे जनता की नजरों में चढ़ने के बजाय उतरने लगे हैं।