जेटली का 2019 में निधन, जबकि कृषि कानून 2020 में आए; राहुल के दावे पर उठे सवाल
Published on: August 02, 2025
By: [BTNI]
Location: New Delhi, India
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली पर कृषि कानूनों को लेकर धमकी देने का दावा किए जाने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। राहुल गांधी ने हाल ही में दावा किया था कि अरुण जेटली ने उन्हें कृषि कानूनों का विरोध न करने की धमकी दी थी। हालांकि, इस दावे की सच्चाई सामने आने के बाद उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
तथ्यों की जांच से पता चलता है कि अरुण जेटली का निधन 24 अगस्त 2019 को हो गया था, जबकि तीनों कृषि कानून जून 2020 में अध्यादेश के रूप में पेश किए गए थे और सितंबर 2020 में संसद में पारित हुए थे। ऐसे में राहुल गांधी का यह दावा तथ्यात्मक रूप से असंभव है, क्योंकि जेटली उस समय जीवित ही नहीं थे।इस दावे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी के बयान को “झूठ का पुलिंदा” करार देते हुए इसे गैर-जिम्मेदाराना और असंवेदनशील बताया है। एक बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “राहुल गांधी का यह बयान न केवल तथ्यों से परे है, बल्कि एक सम्मानित नेता की स्मृति का अपमान भी है, जो अब हमारे बीच नहीं हैं।”राहुल गांधी के इस बयान पर कई लोगों ने हैरानी जताई है और इसे राजनीतिक लाभ के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश बताया है।
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एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, “ऐसे बयान न केवल जनता का भरोसा कम करते हैं, बल्कि राजनीतिक विमर्श के स्तर को भी नीचे लाते हैं।”इस बीच, अरुण जेटली के परिवार और समर्थकों ने राहुल गांधी से माफी की मांग की है। जेटली को एक सौम्य और लोकतांत्रिक नेता के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने हमेशा संवाद और सहमति पर जोर दिया। इस विवाद ने एक बार फिर सार्वजनिक बयानों में तथ्यों की सटीकता और संवेदनशीलता की आवश्यकता को रेखांकित किया है।