Published on: May 09 2025
By: BTI
Location: Rajasthan, India
राजस्थान सरकार ने मार्च 2025 में ‘राजस्थान कोचिंग सेंटर्स (नियंत्रण और विनियमन) बिल, 2025’ पेश किया है, जिसका उद्देश्य राज्य में कोचिंग संस्थानों की बढ़ती संख्या और उनसे जुड़ी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित करना है। विशेष रूप से कोटा जैसे शहरों में छात्रों की आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र यह कदम उठाया गया है।
📌 मुख्य प्रावधान
पंजीकरण और विनियमन:
राज्य में 50 या उससे अधिक छात्रों वाले सभी कोचिंग संस्थानों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
कोचिंग सेंटरों को तीन महीने के भीतर जिला प्राधिकरण से पंजीकरण कराना होगा।
हर शाखा को अलग से पंजीकरण कराना आवश्यक होगा।
नियंत्रण प्राधिकरण की स्थापना:
‘राजस्थान कोचिंग सेंटर्स (नियंत्रण और विनियमन) प्राधिकरण’ का गठन किया जाएगा, जो राज्य और जिला स्तर पर कार्य करेगा।
राज्य स्तर पर उच्च शिक्षा सचिव इसकी अध्यक्षता करेंगे, जबकि जिला स्तर पर जिला कलेक्टर इसकी निगरानी करेंगे।
शुल्क संरचना और भुगतान:
कोचिंग सेंटरों को शुल्क की पारदर्शिता बनाए रखनी होगी।
यदि कोई छात्र पाठ्यक्रम बीच में छोड़ता है, तो उसे प्रो-राटा आधार पर शुल्क वापस किया जाएगा।
पूर्ण शुल्क एक साथ लेने पर प्रतिबंध होगा; छात्रों को कम से कम चार किस्तों में भुगतान का विकल्प मिलेगा।
कक्षा समय और मानसिक स्वास्थ्य:
कक्षा की अधिकतम अवधि पांच घंटे प्रतिदिन निर्धारित की गई है।
सप्ताह में एक दिन का अवकाश अनिवार्य होगा।
कोचिंग सेंटरों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता, करियर मार्गदर्शन और काउंसलिंग सेवाएं प्रदान करना अनिवार्य होगा।
दंड और अनुपालन:
पहली बार उल्लंघन पर ₹2 लाख का जुर्माना, दूसरी बार उल्लंघन पर ₹5 लाख का जुर्माना और पुनरावृत्ति पर पंजीकरण रद्द किया जाएगा।
🧠 मानसिक स्वास्थ्य और छात्र कल्याण
राज्य सरकार ने छात्रों की मानसिक स्थिति को प्राथमिकता दी है। कोटा में 2025 के पहले तीन महीनों में आठ छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं के बाद यह कदम उठाया गया है। प्रमुख उपायों में काउंसलिंग, तनाव प्रबंधन, करियर विकल्पों की जानकारी और स्वस्थ कक्षा वातावरण सुनिश्चित करना शामिल है।
⚖️ आलोचनाएँ और समर्थन
कुछ कोचिंग संस्थानों ने इस बिल के कुछ प्रावधानों का विरोध किया है, विशेषकर 16 वर्ष की आयु सीमा और अनिवार्य प्रवेश परीक्षा के प्रावधानों को लेकर। हालांकि, राज्य सरकार ने इन प्रावधानों में संशोधन किया है। कोटा में कोचिंग उद्योग की आय में 30-40% की गिरावट आई थी, जिससे यह निर्णय लिया गया।