Published on: May 18, 2025
By: BTI
Location: New Delhi
हाल के दिनों में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सैन्य अड्डों पर लगातार यात्राएं और सैनिकों के साथ उनकी मुलाकातों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा को जन्म दिया है। ऑपरेशन सिंदूर की अभूतपूर्व सफलता के बाद, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, राजनाथ सिंह की यह सक्रियता ऑपरेशन सिंदूर 2 की संभावित तैयारियों की ओर इशारा कर रही है। यह रिपोर्ट राजनाथ सिंह की हाल की गतिविधियों, ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव, और भविष्य में संभावित सैन्य रणनीतियों का विश्लेषण करती है।

राजनाथ सिंह की हाल की गतिविधियां
सैन्य अड्डों का दौरा:
जम्मू-कश्मीर: ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया, जहां उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना की कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने श्रीनगर में वायुसेना के जवानों से मुलाकात की और उनकी तैयारियों की प्रशंसा की।
गुजरात (भुज एयरफोर्स स्टेशन): 16 मई 2025 को राजनाथ सिंह ने भुज एयरफोर्स स्टेशन का दौरा किया, जहां उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को “ट्रेलर” बताया और कहा कि यह अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है।
लखनऊ में आगमन: 20 मई 2025 को राजनाथ सिंह लखनऊ पहुंचने वाले हैं, जहां ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को राष्ट्रीय गौरव के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।
LoC की संभावित यात्रा: खबरों के अनुसार, राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी जल्द ही नियंत्रण रेखा (LoC) का दौरा कर सकते हैं, जहां वे स्थानीय कमांडरों और सैनिकों से मुलाकात करेंगे।
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उच्च-स्तरीय बैठकों का आयोजन:
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की समीक्षा के लिए तीनों सेना प्रमुखों, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख, और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के साथ कई बैठकें कीं। इन बैठकों में सैन्य तैयारियों और रणनीति पर चर्चा हुई।
9 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA), और सेना प्रमुखों के साथ एक समीक्षा बैठक में ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति पर विचार-विमर्श हुआ।
सर्वदलीय बैठक में राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है, जिससे भविष्य में और कार्रवाइयों की संभावना बढ़ गई है।
सैन्य सशक्तिकरण के लिए निर्णय:
सरकार ने सशस्त्र बलों को 40,000 करोड़ रुपये की आपातकालीन खरीद शक्तियां प्रदान की हैं, जिसके तहत सेना को अत्याधुनिक हथियार और गोला-बारूद खरीदने की छूट मिली है।
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नागरिक ठिकानों को नुकसान न पहुंचाने की भारतीय सेना की रणनीति की सराहना की, जो भविष्य के अभियानों के लिए एक मॉडल हो सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव
ऑपरेशन सिंदूर को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इस अभियान में भारतीय सेना ने PoK में नौ आतंकी ठिकानों को मिसाइलों से नष्ट किया, जिसे भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी “राइट टू रिस्पॉन्ड” नीति के तहत उचित ठहराया।
सैन्य सफलता: सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना को कोई नुकसान नहीं हुआ, और आतंकी ठिकानों को सटीकता के साथ नष्ट किया गया।
राजनयिक प्रभाव: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद वैश्विक मंच पर पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन को उजागर करने के लिए कूटनीतिक प्रयास शुरू किए हैं।
पाकिस्तान पर दबाव: राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाने की चेतावनी दी और कहा कि भारत ने उसे “प्रोबेशन” पर रखा है।
ऑपरेशन सिंदूर 2 की संभावना
राजनाथ सिंह की बयानबाजी और सैन्य तैयारियां ऑपरेशन सिंदूर 2 की संभावित तैयारियों की ओर इशारा करती हैं। निम्नलिखित बिंदु इसकी पुष्टि करते हैं:
“ट्रेलर” बयान: राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को “ट्रेलर” बताकर संकेत दिया कि भविष्य में और बड़े पैमाने पर कार्रवाइयां हो सकती हैं।
सैन्य सशक्तिकरण: 40,000 करोड़ रुपये की खरीद शक्तियां और अत्याधुनिक हथियारों का अधिग्रहण दीर्घकालिक सैन्य रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
LoC पर ध्यान: राजनाथ सिंह की LoC यात्रा और सैनिकों के साथ मुलाकात सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव और तैयारियों को दर्शाती है।
सर्वदलीय समर्थन: सर्वदलीय बैठक में ऑपरेशन सिंदूर को व्यापक समर्थन मिला, जो सरकार को और साहसिक कदम उठाने का आत्मविश्वास दे सकता है।
आतंकवाद विरोधी नीति: राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को राष्ट्रीय रक्षा सिद्धांत का हिस्सा बताया, जो भविष्य में और आक्रामक कार्रवाइयों का आधार बन सकता है।
विश्लेषण
रणनीतिक संदेश: राजनाथ सिंह की सक्रियता और कड़े बयान पाकिस्तान को यह संदेश दे रहे हैं कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। यह कूटनीतिक और सैन्य दबाव का हिस्सा है।
आंतरिक एकता: सैनिकों के साथ मुलाकात और सर्वदलीय समर्थन से सरकार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति को व्यापक समर्थन प्राप्त है।
संभावित चुनौतियां: ऑपरेशन सिंदूर 2 की स्थिति में भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और चीन जैसे देशों से राजनयिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव बढ़ने से स्थानीय आबादी प्रभावित हो सकती है।
निष्कर्ष
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सैन्य अड्डों पर बढ़ती हलचल, उच्च-स्तरीय बैठकों का आयोजन, और ऑपरेशन सिंदूर को “ट्रेलर” बताने वाले बयान स्पष्ट रूप से ऑपरेशन सिंदूर 2 की तैयारियों की ओर इशारा करते हैं। सरकार का जोर सैन्य सशक्तिकरण, कूटनीतिक दबाव, और आतंकवाद विरोधी नीति को मजबूत करने पर है। हालांकि, ऐसी कार्रवाइयों के लिए भारत को रणनीतिक संतुलन बनाए रखना होगा ताकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी स्थिति मजबूत रहे। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने भारतीय सेना की ताकत को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया है, और भविष्य में इस तरह के अभियान भारत की रक्षा नीति का अभिन्न हिस्सा बन सकते हैं।