ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने कलेक्टर ने मंडी बोर्ड को लिखा पत्र
राजनांदगांव।
कृषि उपज मंडी राजनांदगांव में हुए सड़क निर्माण कार्य में गंभीर अनियमितताओं और तकनीकी मानकों के उल्लंघन का मामला सामने आया है। शिकायतें सामने आने और मीडिया द्वारा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद कलेक्टर जितेंद्र यादव ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की थी।
जांच समिति में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) एवं प्रधानमंत्री सड़क योजना से जुड़े तकनीकी अधिकारियों को शामिल किया गया था। समिति के जांच अधिकारी डिप्टी कलेक्टर अभिषेक तिवारी थे। समिति द्वारा स्थल निरीक्षण एवं तकनीकी परीक्षण के बाद रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी गई।
जांच में सामने आई कई गंभीर खामियां
जांच रिपोर्ट के अनुसार मंडी परिसर में निर्मित सड़क निर्माण के अल्प अवधि के भीतर ही कई स्थानों पर उखड़ने लगी। सड़क निर्माण में ग्रेडेशन मानकों का पालन नहीं किया गया। जहां तकनीकी स्वीकृति के अनुसार सिविल कोर्ट टाइप-ए बिटुमिन का उपयोग किया जाना था, वहां टाइप-बी बिटुमिन का प्रयोग पाया गया।
इसके अलावा निर्माण सामग्री एवं कार्य संबंधी प्रविष्टियों में भी अनियमितताएं पाई गईं। माप पुस्तिका (एमबी बुक) की जांच में भी विसंगतियां सामने आईं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि तकनीकी स्वीकृति के प्रतिकूल कार्य किया गया।
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ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की संस्तुति
जांच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर जितेंद्र यादव ने ठेकेदार ऋषभ कंस्ट्रक्शन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की है। कलेक्टर ने स्पष्ट प्रकरण मानते हुए ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने हेतु प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ़ राज्य कृषि उपज मंडी बोर्ड, नवा रायपुर को पत्र प्रेषित किया है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि मंडी समिति राजनांदगांव में हुए सड़क निर्माण में गुणवत्ता से समझौता किया गया, जो शासकीय नियमों और तकनीकी मानकों का स्पष्ट उल्लंघन है।
प्रशासनिक कार्रवाई से मचा हड़कंप
कलेक्टर की इस कार्रवाई के बाद निर्माण एजेंसियों और ठेकेदारों में हड़कंप मच गया है। मामले में आगे मंडी बोर्ड द्वारा निर्णय लेकर संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कठोर कार्रवाई किए जाने की संभावना है।



