पूर्व छात्र रतन लाल डांगी ने बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर, 15 करोड़ की लागत से तैयार करवाई तीन मंजिला अत्याधुनिक बिल्डिंग
Published on: May 17, 2025
By:(BTNI Desk)
Location: Udaypur/Jaipur, India
राजस्थान के नाथद्वारा में एक दिलचस्प कहानी सामने आई है, जहां एक पूर्व छात्र ने अपनी पुरानी स्कूल की छोटी-सी मांग को न सिर्फ पूरा किया, बल्कि उससे कहीं बढ़कर एक शानदार योगदान दिया। यह कहानी सिशोदा गांव की है, जहां एक सरकारी स्कूल की बदहाल स्थिति को देखकर एक पूर्व छात्र ने न केवल मदद का वादा किया, बल्कि 15 करोड़ रुपये की लागत से एक फाइव स्टार सुविधाओं वाली तीन मंजिला स्कूल बिल्डिंग बनवा दी।

कहानी की शुरुआत
कहानी तब शुरू हुई जब सिशोदा के सरकारी स्कूल को पांच पंखों की जरूरत थी। स्कूल की हालत जर्जर थी, और बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। स्कूल प्रशासन ने पूर्व छात्रों से मदद मांगी, और इसी दौरान एक पूर्व छात्र, जिनका नाम कुछ स्रोतों में रतन लाल डांगी के रूप में सामने आता है, ने इस मांग को सुना। रतन लाल, जो अब एक सफल व्यवसायी हैं, ने स्कूल की स्थिति को देखकर केवल पंखे देने से इंकार कर दिया। इसके बजाय, उन्होंने स्कूल को पूरी तरह से बदलने का फैसला किया।
15 करोड़ का फाइव स्टार स्कूल
रतन लाल ने अपनी निजी संपत्ति और संसाधनों का उपयोग करते हुए 15 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक, तीन मंजिला स्कूल बिल्डिंग बनवाई। इस स्कूल में फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं हैं, जिनमें शामिल हैं:
आधुनिक क्लासरूम: वातानुकूलित कमरे, स्मार्ट बोर्ड और प्रोजेक्टर।
लाइब्रेरी और लैब: पूरी तरह सुसज्जित विज्ञान और कंप्यूटर लैब।
खेल सुविधाएं: इंडोर और आउटडोर खेलों के लिए मैदान और उपकरण।
स्वच्छता और सुरक्षा: स्वच्छ पेयजल, आधुनिक शौचालय और सीसीटीवी निगरानी।
सौंदर्यीकरण: हरियाली से सजा परिसर और आकर्षक डिजाइन।
यह स्कूल न केवल स्थानीय बच्चों के लिए, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लिए भी शिक्षा का एक नया केंद्र बन गया है।
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प्रेरणा और प्रभाव
रतन लाल का यह योगदान सिर्फ एक इमारत तक सीमित नहीं है। उन्होंने अपने इस कार्य से यह संदेश दिया कि शिक्षा और सामुदायिक विकास में निजी योगदान कितना बड़ा बदलाव ला सकता है। उनकी इस पहल ने अन्य पूर्व छात्रों और स्थानीय लोगों को भी प्रेरित किया है। स्कूल अब नाथद्वारा और राजसमंद जिले में एक मॉडल के रूप में देखा जाता है, और इसे सरकारी और निजी सहयोग का एक अनूठा उदाहरण माना जा रहा है।
सोशल मीडिया और समाचारों में चर्चा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर इस कहानी को खूब सराहा गया है। पोस्ट्स में बताया गया है कि यह स्कूल “फाइव स्टार” नजर आता है, और इसके पीछे की कहानी लोगों को भावुक कर रही है। यह कहानी न केवल स्थानीय समाचारों में, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बनी है।
निष्कर्ष
यह कहानी नाथद्वारा के सिशोदा गांव से एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जहां एक छोटी-सी मांग ने एक बड़े बदलाव को जन्म दिया। रतन लाल जैसे लोग समाज के लिए एक मिसाल हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से नई पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य की नींव रखी। यह स्कूल अब सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि शिक्षा, समर्पण और सामुदायिक एकता का प्रतीक है।