मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव की उपस्थिति में हुआ समझौता, वन्यजीवों के पुनर्वास और संरक्षण को मिलेगा नया आयाम
Published on: August 28, 2025
By: BTNI
Location: Bhopal, India
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के निवास पर आज एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) का आदान-प्रदान हुआ, जो वन्यजीव संरक्षण और पुनर्वास के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। मध्य प्रदेश टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी और ग्रीन्स ज़ूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर समिति के बीच यह समझौता मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस पहल से मध्य प्रदेश में वन्यजीवों के संरक्षण, पुनर्वास, और उनके स्वास्थ्य व कल्याण को सुनिश्चित करने में नया जोश आएगा।
इस समझौते के तहत दोनों संस्थाएँ चिड़ियाघरों और रेस्क्यू सेंटरों में वन्यजीवों के संरक्षण, पुनर्वास, और पशु कल्याण के लिए मिलकर काम करेंगी। मध्य प्रदेश टाइगर फाउंडेशन, जो 1997 से बाघों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए समर्पित है, और ग्रीन्स ज़ूलॉजिकल रेस्क्यू सेंटर, जो जामनगर, गुजरात में वन्यजीवों के पुनर्वास के लिए जाना जाता है, अब परस्पर सहयोग से वन्यजीवों के लिए बेहतर पर्यावास और स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित करेंगे।
Also read- https://www.btnewsindia.com/ganesh-chaturthi-celebrated-with-devotion-at-gayatri-vidyapeeth/ https://www.btnewsindia.com/stray-cattle-relocated-from-litia-village-gauthan-after-deaths-amid-overcrowding/
मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि यह समझौता मध्य प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि यह राज्य की समृद्ध जैव-विविधता को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सहयोग न केवल बाघों, बल्कि अन्य वन्यजीवों जैसे तेंदुए, मगरमच्छ, और विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण में भी मदद करेगा। यह पहल मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में भी योगदान देगी।यह समझौता मध्य प्रदेश के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को नई दिशा प्रदान करेगा, विशेष रूप से वन विहार (भोपाल) और मुकुंदपुर टाइगर सफारी (सतना) जैसे केंद्रों में, जहाँ पहले से ही बचाए गए जानवरों को अस्थायी और स्थायी आधार पर रखा जाता है।
इस MoU के माध्यम से दोनों संस्थाएँ तकनीकी विशेषज्ञता, प्रशिक्षण, और अनुसंधान के क्षेत्र में भी सहयोग करेंगी, जिससे वन्यजीवों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ पर्यावास सुनिश्चित होगा। यह कदम मध्य प्रदेश को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगा।