पाक एवं पीओके के 9 ठिकानों को उड़ाया
90 आतंकवादी हुए ढेर
Published on: May 07, 2025
By: BTI
Location: New Delhi, India
7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को मिसाइल हमला करके नेस्तनाबूत करते हुए एक सटीक और सुनियोजित सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, जिसका नाम स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुना। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी गई थी। इस हमले ने देश को झकझोर दिया था, और प्रधानमंत्री मोदी ने वादा किया था कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न केवल एक सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि यह उन महिलाओं के सम्मान का भी प्रतीक थी, जिनके पति इस हमले में शहीद हुए और जिनका सिंदूर आतंकियों ने उजाड़ा।ऑपरेशन का नामकरण: प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा
सूत्रों के अनुसार, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले एक सप्ताह में हुई उच्च-स्तरीय बैठकों में सुझाया था। इन बैठकों में उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि पहलगाम हमले में आतंकियों ने न केवल पुरुषों को निशाना बनाया, बल्कि कई महिलाओं को विधवा कर उनके जीवन का आधार छीन लिया। सिंदूर, जो भारतीय संस्कृति में सुहाग का प्रतीक है, इस ऑपरेशन के नाम के रूप में चुनकर प्रधानमंत्री ने इस कार्रवाई को एक भावनात्मक और सांस्कृतिक संदेश से जोड़ा। यह नाम न केवल राष्ट्रीय हितों का प्रतीक है, बल्कि उन परिवारों के दर्द और प्रतिशोध की भावना को भी दर्शाता है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया।

ऑपरेशन का विवरण
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना की संयुक्त कार्रवाई के रूप में अंजाम दिया गया। यह ऑपरेशन 6-7 मई 2025 की रात 1:30 बजे शुरू हुआ, जब भारतीय वायुसेना ने बहावलपुर, कोटली, मुजफ्फराबाद, मुरिदके और अन्य स्थानों पर स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इन ठिकानों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के शिविर शामिल थे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह कार्रवाई उन ठिकानों को निशाना बनाकर की गई, जहां से भारत के खिलाफ हमलों की साजिश रची जा रही थी।
सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इस ऑपरेशन में 90 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिसमें मुरिदके में 30 आतंकियों को ढेर किया गया। भारतीय सेना ने अपनी कार्रवाई की पुष्टि करते हुए एक एक्स पोस्ट में कहा, “न्याय किया गया है। जय हिंद।” इस ऑपरेशन की सटीकता और प्रभावशीलता को लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह जैसी महिला अधिकारियों ने प्रेस ब्रीफिंग में विस्तार से बताया।
प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन की योजना से लेकर इसके निष्पादन तक हर कदम पर नजर रखी। वह अपने आवास से पल-पल का अपडेट ले रहे थे और ऑपरेशन की बारीकी से निगरानी कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने सेना को खुली छूट दी थी कि आतंकियों को चुन-चुनकर खत्म किया जाए। ऑपरेशन की सफलता के बाद उन्होंने सेना की सराहना की और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इसकी विस्तृत जानकारी दी।

प्रतिक्रियाएं और प्रभाव
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर देश में जश्न का माहौल है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जय हिंद! जय हिंद की सेना!” समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इसे “पराक्रमो विजयते” करार दिया। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस कार्रवाई का स्वागत किया। हालांकि, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने सबूत मांगकर विवाद खड़ा किया।
पाकिस्तान की ओर से इस कार्रवाई को “एक्ट ऑफ वॉर” करार दिया गया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अन्य नेताओं ने इसकी निंदा की, जबकि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आपातकाल लागू कर दिया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मार्को रुबियो ने स्थिति पर नजर रखने की बात कही।
पहलगाम हमले में शहीद शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या ने भावुक होकर कहा, “ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनकर मुझे गर्व है। प्रधानमंत्री मोदी ने हमारा बदला लिया।”
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इस ऑपरेशन का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखा गया, जहां डिफेंस सेक्टर के शेयरों में 4% तक की उछाल दर्ज की गई। हालांकि, निफ्टी और सेंसेक्स में उतार-चढ़ाव की संभावना जताई गई। सुरक्षा के मद्देनजर भारत के 244 जिलों, जिसमें उत्तर प्रदेश के 19 जिले शामिल हैं, में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
निष्कर्ष
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना की शक्ति, सटीकता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ नेतृत्व का प्रतीक है। इस कार्रवाई ने न केवल पहलगाम हमले का बदला लिया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दुनिया के सामने स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री द्वारा चुना गया यह नाम एक सैन्य ऑपरेशन को सांस्कृतिक और भावनात्मक गहराई प्रदान करता है, जो देशवासियों के दिलों को छू गया। यह ऑपरेशन न केवल आतंकियों के लिए एक सबक है, बल्कि भारत की एकता और संकल्प की ताकत का भी प्रदर्शन है।