Published on: May 06, 2025
By: Agency
Location: New Delhi, India
भारत ने वैश्विक आर्थिक मंच पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान प्राप्त कर लिया है। यह उपलब्धि भारत की तेजी से बढ़ती आर्थिक प्रगति और सुधारों का परिणाम मानी जा रही है।
IMF की अप्रैल 2025 की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 2025 में 4,187.017 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो जापान के अनुमानित GDP 4,186.431 अरब डॉलर से मामूली अधिक है। यह अंतर भले ही छोटा हो, लेकिन भारत की आर्थिक वृद्धि की गति को दर्शाता है।
क्या है इस उपलब्धि के पीछे का कारण?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की युवा आबादी, तकनीकी नवाचार, और सरकार की नीतिगत सुधारों ने इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्टार्टअप इकोसिस्टम, और मेक इन इंडिया जैसी पहलों ने भारत को वैश्विक निवेश का केंद्र बनाया है। इसके अलावा, बुनियादी ढांचे के विकास, नवीकरणीय ऊर्जा, और विनिर्माण क्षेत्र में प्रगति ने भी भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है।
जापान की स्थिति
दूसरी ओर, जापान की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ दशकों से स्थिरता की कमी से जूझ रही है। जनसंख्या में कमी और आर्थिक सुस्ती ने जापान को इस दौड़ में पीछे धकेल दिया है। हालांकि, जापान अभी भी प्रति व्यक्ति आय और तकनीकी उन्नति के मामले में भारत से आगे है।
आगे की राह
IMF का अनुमान है कि भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार अगले कुछ वर्षों में और तेज होगी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है और 2028 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।
प्रधानमंत्री का बयान
इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री ने कहा, “यह भारत के 140 करोड़ नागरिकों की मेहनत और सरकार की दूरदर्शी नीतियों का परिणाम है। हमारा लक्ष्य अब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है, और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।”विश्व मंच पर भारत की बढ़ती साख
यह उपलब्धि न केवल भारत की आर्थिक ताकत को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती साख को भी रेखांकित करती है। विश्लेषकों का मानना है कि भारत की यह प्रगति वैश्विक आर्थिक नीतियों और निवेश के लिए एक नया केंद्र बिंदु बनाएगी।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ, भारत ने न केवल अपनी आर्थिक क्षमता को साबित किया है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक नया अध्याय भी शुरू किया है।