18 दिन के ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन के बाद शुभांशु ने बढ़ाया देश का मान, कैलिफोर्निया में हुई सकुशल लैंडिंग
Published on: July 16, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छूकर भारत का नाम विश्व पटल पर रोशन किया है। 18 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहने के बाद, शुभांशु मंगलवार को कैलिफोर्निया में सकुशल लैंडिंग के साथ धरती पर लौट आए हैं। यह ऐतिहासिक क्षण न केवल उनके साहस और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय भी जोड़ता है।
शुभांशु शुक्ला, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ के निवासी हैं, ने Axiom-4 मिशन के तहत ISS पर पहुंचकर इतिहास रचा। वे राकेश शर्मा के बाद पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने 1984 में अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराया था। 41 साल बाद, शुभांशु ने इस गौरव को दोहराते हुए देश को गर्व का एक और अवसर प्रदान किया। उनकी इस उपलब्धि पर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। मिशन के दौरान, शुभांशु ने अंतरिक्ष से भारत के लिए पहला संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं तिरंगा लेकर आया हूं, अगले 14 दिन रोमांचक होंगे।”
उनकी यह बात हर भारतीय के दिल को छू गई। 23 घंटे की यात्रा के बाद, ड्रैगन कैप्सूल की सफल डॉकिंग के साथ शुभांशु ने ISS पर कदम रखा और विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लिया। उनकी वापसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी सराहना की और इसे भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक बताया। लैंडिंग के बाद, शुभांशु ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, “यह मेरे लिए गर्व का क्षण है कि मैंने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया।
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भारत की युवा पीढ़ी को मैं यही संदेश देना चाहता हूं कि सपने बड़े देखें और उन्हें हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करें।” उनकी इस उपलब्धि ने न केवल वैज्ञानिक समुदाय को प्रेरित किया है, बल्कि युवाओं के लिए भी एक नया आदर्श स्थापित किया है। इसरो और भारतीय वायुसेना ने इस मिशन की सफलता के लिए शुभांशु और उनकी टीम को बधाई दी है।
इसरो के प्रमुख ने कहा, “शुभांशु की यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।” देश भर में लोग इस उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं, और सोशल मीडिया पर ‘शुभांशु शुक्ला’ और ‘भारत माता की जय’ जैसे हैशटैग के साथ उनकी प्रशंसा की जा रही है। शुभांशु का यह मिशन भारत के बढ़ते वैज्ञानिक और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है। उनकी वापसी पर देश ने उन्हें नायक के रूप में स्वागत किया है, और यह क्षण हर भारतीय के लिए गर्व का विषय बना हुआ है।