Published on: May 09, 2025
By: BTI
Location: Banglore, India
तकनीक नगरी बेंगलुरु ने हाल ही में इतिहास रचते हुए देश की पहली ‘साइलेंट मैराथन’ का आयोजन किया। इस अनूठी दौड़ में करीब 10,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, लेकिन खास बात यह रही कि पूरी मैराथन बिना किसी डीजे, लाउडस्पीकर या नारेबाजी के शांतिपूर्वक संपन्न हुई। आयोजकों का उद्देश्य था — पर्यावरण संरक्षण और शोर प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
रविवार सुबह आयोजित हुई इस मैराथन में हर प्रतिभागी को वायरलेस हेडफोन दिया गया, जिसमें प्रेरक संगीत और निर्देश सुनाए जा रहे थे, लेकिन बाहर से कोई आवाज नहीं आ रही थी। शहर के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम से शुरू हुई यह दौड़ 10 किलोमीटर तक चली और रास्ते भर लोग सिर्फ दौड़ते नजर आए, न कि चिल्लाते या हूटिंग करते।
आयोजक समिति के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी ने बताया, “हमने यह पहल पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए की है। आमतौर पर मैराथनों में भारी ध्वनि प्रदूषण होता है, जिससे आसपास के लोग और जानवर दोनों परेशान होते हैं। साइलेंट मैराथन में लोग खुद भी शांत रहे और प्रकृति के साथ जुड़ने का अनुभव किया।”
प्रतिभागियों के बीच यह प्रयोग काफी लोकप्रिय रहा। दौड़ में हिस्सा ले रही आईटी प्रोफेशनल सोनाली गुप्ता ने कहा, “यह मेरे लिए अलग अनुभव था। जब आप भीड़ में होते हुए भी साइलेंस में दौड़ते हैं, तो भीतर की ऊर्जा जागती है।”
इस आयोजन को राज्य सरकार और कर्नाटक पर्यटन विभाग का समर्थन मिला। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि अब इस फॉर्मेट को अन्य शहरों में भी ले जाया जाएगा, ताकि पूरे देश में शोर प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता फैलाई जा सके।
विशेषज्ञों के अनुसार, शोर प्रदूषण शहरी भारत में तेजी से बढ़ता खतरा बन चुका है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से भी चिंताजनक है। ऐसे में बेंगलुरु की यह पहल देश के अन्य शहरों के लिए मिसाल बन सकती है।