शराब घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई
- ईडी का संकेत,और भी हो सकती है गिरफ्तारी
- गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेसी उतरे सड़क पर
Published on: July 19, 2025
By: BTNI
Location: Raipur, India
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई कथित 2100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई। ईडी ने भिलाई स्थित भूपेश बघेल के आवास पर छापेमारी के बाद चैतन्य को हिरासत में लिया और बाद में रायपुर की विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया।
सूत्रों के अनुसार, ईडी को नए डिजिटल और वित्तीय सबूत मिले, जिनके आधार पर चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी हुई। जांच एजेंसी का दावा है कि चैतन्य ने शराब घोटाले से प्राप्त अवैध धन का लाभ उठाया। यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी। ईडी का कहना है कि इस दौरान आबकारी विभाग के अधिकारियों, नेताओं और कारोबारियों के एक गिरोह ने अवैध शराब बिक्री से करीब 2100 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।

भूपेश बघेल का जवाब: ‘राजनीतिक साजिश’
गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने इसे केंद्र सरकार की ओर से विपक्ष को दबाने की साजिश करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “जन्मदिन का जैसा तोहफा मोदी और शाह जी देते हैं, वैसा दुनिया के किसी लोकतंत्र में कोई नहीं देता। मेरे बेटे चैतन्य को उसके जन्मदिन पर गिरफ्तार किया गया। पहले कवासी लखमा, देवेंद्र यादव और अब मेरे बेटे को निशाना बनाया जा रहा है, ताकि कोई अडानी के खिलाफ आवाज न उठा सके। हम न डरेंगे, न झुकेंगे।”
कांग्रेस का विरोध, विधानसभा से वॉकआउट
चैतन्य की गिरफ्तारी की खबर विधानसभा में पहुंचते ही कांग्रेस विधायकों ने एकजुटता दिखाते हुए विरोध जताया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत और भूपेश बघेल सहित कई नेता रायपुर जिला कोर्ट पहुंचे। कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हुए विधानसभा सत्र से वॉकआउट किया।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब भूपेश बघेल या उनके परिवार के खिलाफ जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की हो। मार्च 2025 में भी ईडी ने भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर छापेमारी की थी, जिसमें कुछ डिजिटल सबूत मिले थे। इसके अलावा, सितंबर 2024 में चैतन्य और उनकी बहन दीप्ति बघेल से भिलाई पुलिस ने एक प्रोफेसर पर हमले के मामले में पूछताछ की थी।
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शराब घोटाले में अन्य गिरफ्तारियां
ईडी ने इस मामले में पहले भी कई बड़े नेताओं और अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी शामिल हैं। एजेंसी ने अब तक 205 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की है।
राजनीतिक हलचल तेज
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल मचा दी है। कांग्रेस का आरोप है कि यह कार्रवाई विधानसभा सत्र के आखिरी दिन अडानी से जुड़े मुद्दों को दबाने के लिए की गई। वहीं, बीजेपी ने इस कार्रवाई को कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बताया है। मामले की अगली सुनवाई और जांच के नतीजे पर पूरे राज्य की नजर है।
नोट: यह समाचार विभिन्न वेब स्रोतों और X पोस्ट्स पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है।
गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेसी उतरे सड़क पर
भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कथित शराब घोटाले में गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता शनिवार को सड़कों पर उतर आए। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और अन्य प्रमुख शहरों में कांग्रेस ने प्रदर्शन कर केंद्र की बीजेपी सरकार पर राजनीतिक बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया।
रायपुर में जोरदार प्रदर्शन
राजधानी रायपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत के नेतृत्व में जयस्तंभ चौक पर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने “ईडी का दुरुपयोग बंद करो” और “बीजेपी की तानाशाही नहीं चलेगी” जैसे नारे लगाए। भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह गिरफ्तारी मेरे बेटे के जन्मदिन पर की गई, ताकि मेरे परिवार और कांग्रेस को डराया जा सके। लेकिन हम अडानी के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।”
कांग्रेस का आरोप: ‘अडानी को बचाने की साजिश’
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि चैतन्य की गिरफ्तारी विधानसभा सत्र के आखिरी दिन इसलिए की गई, ताकि अडानी समूह से जुड़े मुद्दों पर चर्चा को दबाया जा सके। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, “यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। बीजेपी और उनके पूंजीपति मित्रों को बचाने के लिए ईडी का दुरुपयोग हो रहा है।”
बिलासपुर और दुर्ग में भी उमड़ा जनसैलाब
बिलासपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया और ईडी के खिलाफ नारेबाजी की। दुर्ग में भिलाई नगर निगम के सामने सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर विरोध जताया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया, जिसके बाद तनाव की स्थिति बन गई।
विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस का वॉकआउट
चैतन्य की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही विधानसभा पहुंची, कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा किया और सत्र से वॉकआउट कर लिया। विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा, “यह लोकतंत्र की हत्या है। केंद्र सरकार विपक्ष को कुचलने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।”
बीजेपी का पलटवार
वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ईडी की कार्रवाई स्वतंत्र और कानूनी है। प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा, “कांग्रेस भ्रष्टाचार के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए प्रदर्शन कर रही है। अगर चैतन्य बघेल निर्दोष हैं, तो उन्हें कोर्ट में अपनी बात रखनी चाहिए।”
पृष्ठभूमि: शराब घोटाला मामला
ईडी ने चैतन्य बघेल को 2100 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। यह घोटाला 2019-2022 के बीच छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर हुआ, जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे। ईडी का दावा है कि चैतन्य ने इस घोटाले से प्राप्त अवैध धन का लाभ उठाया।
आगे क्या?
कांग्रेस ने अगले कुछ दिनों में पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन तेज करने की घोषणा की है। भूपेश बघेल ने कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की और कहा कि वे कोर्ट में भी इस मामले को मजबूती से लड़ेंगे। दूसरी ओर, ईडी ने संकेत दिए हैं कि इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।