Published on: May 05, 2025
By: BTI
Location: Kabul/New Delhi, India
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसारन पर्यटन स्थल पर हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इस भयावह घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव नई ऊंचाइयों पर पहुँच चुका है। इसी बीच अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह का बयान सामने आया है, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
सालेह ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा,
“भारत ने अपने दुश्मन की गर्दन में बहुत लंबी रस्सी डाल रखी है, जबकि उसे फांसी की कुर्सी पर बिठा देना चाहिए था।”
इस तीखे बयान को भारत के लिए आतंकवाद के खिलाफ और सख्त रुख अपनाने की सलाह के रूप में देखा जा रहा है।
भारत की कड़ी कार्रवाई
पाहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई प्रतिशोधात्मक कदम उठाए हैं:
- पाकिस्तान से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध
- पाकिस्तान से आने वाली डाक सेवाओं का निलंबन
- पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का संकल्प दोहराया है और स्पष्ट किया है कि आतंक का जवाब निर्णायक होगा।
पाकिस्तान की स्थिति
दूसरी ओर, पाकिस्तान ने भी अपने सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा है और भारत की हालिया कार्रवाइयों को “आक्रामक और अस्वीकार्य” बताया है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय फिलहाल भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति को समर्थन दे रहा है।
विश्लेषण
अमरुल्लाह सालेह के बयान को भारत में मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। कुछ लोग इसे आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की माँग मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे राजनीतिक उकसावे के तौर पर देख रहे हैं।
लेकिन एक बात साफ है — पहलगाम हमले के बाद भारत अब नरम रुख छोड़कर कड़ा कदम उठा रहा है, और दुनिया उसकी प्रतिक्रियाओं पर बारीकी से नजर रख रही है।