कृषि विभाग द्वारा नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के छिड़काव से उन्नत खेती को बढ़ावा, कम लागत में अधिक उत्पादन का लक्ष्य
Published on: September 02, 2025
By: [BTNI]
Location: Rajnandgaon, India
राजनांदगांव जिले में कृषि विभाग ने किसानों को आधुनिक और टिकाऊ खेती की ओर प्रेरित करने के लिए एक अभिनव पहल शुरू की है। इस पहल के तहत, खेतों में नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के छिड़काव का प्रत्यक्ष प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों को इन उन्नत उर्वरकों की उपयोगिता, दक्षता और किफायती पोषण क्षमता से अवगत कराना है।
यह कदम न केवल खेती की लागत को कम करने में सहायक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और फसल उत्पादकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।नैनो यूरिया और नैनो डीएपी, नैनोटेक्नोलॉजी पर आधारित उर्वरक हैं, जो पौधों को नाइट्रोजन और फॉस्फोरस जैसे आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। इनके छोटे कण आकार के कारण पौधों द्वारा इनका अवशोषण अधिक कुशल होता है, जिससे पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में कम मात्रा में अधिक प्रभाव प्राप्त होता है। कृषि विभाग, राजनांदगांव द्वारा आयोजित प्रदर्शन में ड्रोन और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर इन उर्वरकों का छिड़काव दिखाया जा रहा है, जिससे किसानों को इनके उपयोग की सरलता और प्रभावशीलता का प्रत्यक्ष अनुभव हो रहा है।
Also read- https://www.btnewsindia.com/chhattisgarhi-cuisine-festival-organized-at-rajnandgaons-chowpatty-as-part-of-silver-jubilee-celebrations/ https://www.btnewsindia.com/bjp-youth-wing-burns-effigy-of-rahul-gandhi-in-rajnandgaon-over-remarks-against-pm-modi/
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि यह अभियान किसानों को स्मार्ट और टिकाऊ खेती की तकनीकों से जोड़ने का एक प्रयास है। प्रदर्शन के दौरान किसानों को यह समझाया जा रहा है कि नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का उपयोग कैसे मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखते हुए फसल की पैदावार बढ़ा सकता है। इसके साथ ही, ये उर्वरक पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में भी मददगार हैं, क्योंकि इनके उपयोग से लीचिंग और गैसीय उत्सर्जन में कमी आती है।
किसानों ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे अपनी खेती में लागू करने में रुचि दिखाई है। एक स्थानीय किसान ने कहा, “नैनो उर्वरकों के बारे में प्रत्यक्ष प्रदर्शन से हमें विश्वास हुआ है कि कम लागत में भी अच्छी पैदावार संभव है।” कृषि विभाग ने गांव-गांव में चौपालों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से इस तकनीक को और अधिक किसानों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है।यह पहल छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले को आधुनिक कृषि का केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने में योगदान देगl