पहचान सत्यापन जारी
Published on: December 23, 2025
By: BTNI
Location: Mumbai, India
नगर निगम चुनाव के दौरान ठाणे में फर्जी मतदान के संदेह को लेकर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक मैरिज हॉल पर छापा मारा, जहां से 213 मुस्लिम महिलाओं को हिरासत में लिया गया। पुलिस का कहना है कि शिकायत मिली थी कि इन महिलाओं को बाहरी इलाकों से कथित रूप से फर्जी वोट डलवाने के उद्देश्य से लाया गया था। फिलहाल सभी की पहचान और मतदान से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, छापे के दौरान महिलाओं से आधार, मतदाता पहचान पत्र और निवास से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं। प्रारंभिक पूछताछ में कुछ महिलाओं ने ठाणे की निवासी होने का दावा किया है, जबकि कुछ के दस्तावेजों की पुष्टि बाकी है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जांच पूरी होने से पहले किसी भी तरह का निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा।
चुनाव आयोग और प्रशासन की भूमिकाप्रशासन ने कहा है कि चुनाव प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। यदि जांच में फर्जी मतदान या अवैध तरीके से मतदाता लाने की पुष्टि होती है, तो संबंधित धाराओं में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, जिनके दस्तावेज सही पाए जाएंगे, उन्हें तुरंत छोड़ा जाएगा।
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राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएंइस कार्रवाई के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ नेताओं और संगठनों ने इसे चुनावी गड़बड़ी पर सख्त रुख बताते हुए समर्थन किया है, जबकि कुछ ने आशंका जताई है कि जांच निष्पक्ष और कानून के दायरे में होनी चाहिए, ताकि किसी समुदाय विशेष को अनावश्यक रूप से निशाना न बनाया जाए।
सोशल मीडिया और जनचर्चा में यह मांग भी उठी है कि चुनावों से पहले संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सार्वजनिक स्थलों की नियमित जांच हो। वहीं, विधि विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी तलाशी या कार्रवाई को संविधान, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समानता के सिद्धांतों के अनुरूप ही किया जाना चाहिए।
कानूनी पहलूकानून विशेषज्ञों के अनुसार, फर्जी मतदान गंभीर अपराध है, लेकिन जांच के दौरान हिरासत में लिए गए लोगों के अधिकारों की रक्षा भी उतनी ही जरूरी है। बिना ठोस सबूत के सामूहिक आरोप या भेदभावपूर्ण कार्रवाई से बचना आवश्यक है।
जांच जारीफिलहाल पुलिस और चुनाव विभाग संयुक्त रूप से दस्तावेजों का सत्यापन कर रहे हैं। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि जांच पारदर्शी होगी और दोष सिद्ध होने पर ही कार्रवाई की जाएगी। पूरे मामले पर आगे की स्थिति जांच रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।



