सांसद अशोक कुमार मित्तल ने की स्वदेशी आंदोलन की अपील, भारत की आर्थिक स्वतंत्रता को मजबूत करने का लिया संकल्प
Published on: August 28, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ थोपे जाने के जवाब में पंजाब की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) ने अपने कैंपस में सभी अमेरिकी शीतल पेय और पेय पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। LPU के संस्थापक-कुलपति और आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद श्री अशोक कुमार मित्तल ने इस कदम को “स्वदेशी 2.0” आंदोलन की शुरुआत करार देते हुए इसे भारत की आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त कदम बताया।

यह घोषणा 27 अगस्त को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई, जिस दिन ट्रंप का टैरिफ आदेश प्रभावी हुआ। श्री मित्तल ने इस प्रतिबंध को अमेरिका की “अनुचित और आक्रामक व्यापार नीतियों” के खिलाफ एक प्रतीकात्मक विरोध बताया। उन्होंने कहा, “LPU में अमेरिकी शीतल पेय पर प्रतिबंध लगाकर हम दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि भारत किसी भी अनुचित दबाव के आगे नहीं झुकेगा।” LPU, जो 40,000 से अधिक छात्रों के साथ भारत की सबसे बड़ी निजी यूनिवर्सिटी में से एक है, ने तत्काल प्रभाव से कोका-कोला, पेप्सी और अन्य अमेरिकी ब्रांड्स पर प्रतिबंध लागू कर दिया।
श्री मित्तल ने 1905 के स्वदेशी आंदोलन का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस तरह स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों ने ब्रिटिश सामानों का बहिष्कार कर आर्थिक स्वावलंबन की नींव रखी थी, उसी तरह आज 146 करोड़ भारतीयों को स्वदेशी 2.0 को अपनाकर राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाना होगा। उन्होंने सभी भारतीयों से अमेरिकी उत्पादों का बहिष्कार करने और स्वदेशी सामान को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। मित्तल ने कहा, “अमेरिका ने भारत की ताकत को कम आंका है। यह समय है कि हम अपनी एकजुटता और संकल्प से उन्हें अपनी ताकत दिखाएं।”
Also read- https://www.btnewsindia.com/prashant-kishor-slams-mk-stalins-bihar-visit-questions-congress-and-tejashwi-yadavs-silence-on-past-incidents/ https://www.btnewsindia.com/chennais-unique-ganesh-idol-crafted-from-7500-sacred-books-captivates-devotees/
LPU के इस कदम को देशभर से व्यापक समर्थन मिल रहा है। श्री मित्तल ने जोर देकर कहा कि यह कदम केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक मंच पर मजबूत बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। उन्होंने भारतीयों से अपील की कि वे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दें और “वोकल फॉर लोकल” के मंत्र को अपनाएं। यह पहल न केवल आर्थिक स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान को भी मजबूत करेगी।