सीमा सुरक्षा बल ने राजस्थान की गर्मी और पूर्वोत्तर की नमी को ध्यान में रखकर पेश की नई डिजिटल कैमोफ्लाज वर्दी
Published on: June 13, 2025
By: [BTNI]
Location: Jaisalmer, India
भारत की सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अपने जवानों के लिए जल्द ही एक नई, आधुनिक डिजिटल कैमोफ्लाज पैटर्न वाली वर्दी पेश करने जा रही है। यह नई वर्दी न केवल आरामदायक है, बल्कि इसमें पर्यावरण और कार्यक्षमता को ध्यान में रखकर कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। बीएसएफ (उत्तर) के डीआईजी योगेंद्र सिंह राठौर ने इस बदलाव को “आधुनिकता और आराम का शानदार संगम” बताया है। यह कदम बीएसएफ की आधुनिकीकरण पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जवानों की कार्यक्षमता और मनोबल को बढ़ाना है।
नई वर्दी की विशेषताएं
डीआईजी योगेंद्र सिंह राठौर ने बताया, “नई वर्दी में कई बदलाव किए गए हैं, चाहे वह बनावट हो या रंग। पुरानी वर्दी में 50% कॉटन और 50% पॉलिएस्टर का मिश्रण था। नई वर्दी में 80% कॉटन और 19% पॉलिएस्टर का उपयोग किया गया है, क्योंकि राजस्थान में गर्मी और पूर्वोत्तर में गर्मी के साथ-साथ नमी रहती है। इस तरह की कॉटन-आधारित वर्दी बहुत आरामदायक है।”
नई वर्दी का रंग भी बदला गया है। अब इसमें 50% खाकी, 45% हरा, और 5% भूरा रंग शामिल है, जो डिजिटल कैमोफ्लाज पैटर्न के साथ आता है। इसके अलावा, वर्दी में बीएसएफ का लोगो जोड़ा गया है, और रैंक के प्रतीकों में भी बदलाव किए गए हैं। यह डिजिटल पैटर्न न केवल आधुनिक दिखता है, बल्कि सीमा पर विभिन्न वातावरणों में छिपने की क्षमता को भी बढ़ाता है।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
जैसलमेर जैसे क्षेत्र, जहां गर्मी और रेगिस्तानी परिस्थितियां जवानों के लिए चुनौतीपूर्ण होती हैं, वहां यह नई वर्दी जवानों को बेहतर आराम प्रदान करेगी। डीआईजी राठौर ने कहा, “हमारा लक्ष्य जवानों को ऐसी वर्दी देना है जो न केवल कार्यात्मक हो, बल्कि उनके लिए आरामदायक भी हो।” पूर्वोत्तर के नम और गर्म मौसम को ध्यान में रखते हुए, यह वर्दी विशेष रूप से डिजाइन की गई है ताकि जवान लंबे समय तक ड्यूटी के दौरान सहज रह सकें।
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आधुनिकीकरण की दिशा में कदम
बीएसएफ की यह नई वर्दी आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ की ताकत और समर्पण की सराहना की गई थी, जब उन्होंने बिना अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती के भारत-पाकिस्तान सीमा पर चुनौतियों का सामना किया। नई वर्दी न केवल जवानों के मनोबल को बढ़ाएगी, बल्कि उनकी पहचान को और मजबूत करेगी।
रोलआउट की योजना
बीएसएफ ने घोषणा की है कि नई वर्दी का रोलआउट एक साल के भीतर पूरा हो जाएगा। यह बदलाव भारतीय सेना और सीआरपीएफ की तर्ज पर है, जो पहले ही डिजिटल कैमोफ्लाज पैटर्न को अपना चुके हैं। नई वर्दी न केवल बीएसएफ की छवि को और आधुनिक बनाएगी, बल्कि जवानों को कठिन परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन करने में भी मदद करेगी।
निष्कर्ष
बीएसएफ की नई वर्दी न केवल एक डिजाइन परिवर्तन है, बल्कि यह जवानों के लिए बेहतर आराम, कार्यक्षमता और गर्व का प्रतीक है। जैसलमेर की रेगिस्तानी गर्मी से लेकर पूर्वोत्तर की नमी तक, यह वर्दी हर चुनौती के लिए तैयार है। जैसे-जैसे बीएसएफ आधुनिकीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है, यह नई वर्दी भारत की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों के समर्पण और शक्ति का प्रतीक बनेगी।