ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का जवाबी हमला नाकाम, जम्मू-कश्मीर में तनाव बढ़ा
Published on: May 08, 2025
By: BTI
Location: New Delhi, India
गुरुवार शाम जम्मू में जोरदार धमाकों की आवाजें गूंजने से शहर में दहशत फैल गई। ये धमाके भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले के एक दिन बाद हुए हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान द्वारा दागी गई आठ मिसाइलों को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया। ये मिसाइलें जम्मू के सतवारी, सांबा, आरएस पुरा और अर्निया क्षेत्रों को निशाना बना रही थीं।
धमाकों से पहले जम्मू में एयर रेड साइरन बजाया गया और सम्पूर्ण ब्लैकआउट कर दिया गया, जिससे लोग डर के मारे अपने घरों की ओर दौड़ पड़े। कई चश्मदीदों ने आसमान में लाल चमक और उड़ते हुए प्रोजेक्टाइल्स देखने की बात कही।
पूर्व डीजीपी एस. पी. वैद ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “पूरा जम्मू अंधेरे में डूबा हुआ है। जोरदार धमाके—बमबारी, शेलिंग या मिसाइल हमले का संदेह। घबराएं नहीं—माता वैष्णो देवी और हमारी वीर भारतीय सेना हमारे साथ है।”
पाकिस्तानी मिसाइलें और हमास जैसी रणनीति की आशंका
रक्षा सूत्रों ने आशंका जताई है कि पाकिस्तान की सेना की रणनीति हमास द्वारा इज़राइल पर किए गए हमलों जैसी हो सकती है। सूत्रों का दावा है कि पिछले महीने पाक-अधिकृत कश्मीर में ISI और हमास के बीच गुप्त बैठक हुई थी।
अन्य प्रभावित क्षेत्र
जम्मू के अलावा, कुपवाड़ा, बारामुला और अखनूर में भी साइरन बजने की खबरें सामने आई हैं। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
नेताओं की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घटनाक्रम को “बेहद चिंताजनक” बताया। उन्होंने कहा, “जम्मू से आ रही रिपोर्टें भयावह हैं। मेरी दुआएं सीमा पर रहने वाले लोगों के साथ हैं जो फिर से युद्ध जैसी स्थिति में फंसे हैं।” उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने और तत्काल तनाव कम करने की अपील की।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
भारत ने बुधवार को पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को खुली छूट दी थी कि वे “जवाब देने का तरीका, लक्ष्य और समय स्वयं तय करें।”
इनमें से पांच ठिकाने LoC पार PoK में 9 से 30 किलोमीटर अंदर थे, जबकि चार लक्ष्य पाकिस्तान की मुख्य सीमा के भीतर 6 से 100 किलोमीटर अंदर स्थित थे।