75 राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों का तबादला, शिक्षा विभाग में
युक्तियुक्तकरण पर हाईकोर्ट की सुनवाई
Published on: August 04, 2025
By: [BTNI]
Location: Raipur, India
छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सुधारों और कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने 30 जुलाई 2025 को 75 राज्य प्रशासनिक सेवा (SAS) अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए हैं। इस फेरबदल में विभिन्न जिलों के अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (सीईओ) को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
तबादला सूची: प्रमुख नाम और नई जिम्मेदारियां
तबादले की सूची में कई प्रमुख अधिकारियों के नाम शामिल हैं। कुछ महत्वपूर्ण नियुक्तियां इस प्रकार हैं:
विजेंद्र सिंह पाटले: मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ), सूरजपुर
पूनम शर्मा: उपमहाप्रबंधक, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल
मुकेश रावटे: मुख्य कार्यपालन अधिकारी, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही
राजेंद्र प्रसाद गुप्ता और सुरेंद्र प्रसाद वैद्य: इन अधिकारियों को भी नई जिम्मेदारियां दी गई हैं, जिनका विवरण आदेश में उल्लेखित है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश दिए हैं कि सभी प्रभावित अधिकारी 10 दिनों के भीतर अपनी नई जिम्मेदारी जॉइन करें और इसकी सूचना शासन को दें। यह फेरबदल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और सुशासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
शिक्षा विभाग में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया: हाईकोर्ट की निगरानी
छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में शिक्षकों और कर्मचारियों के युक्तियुक्तकरण (Rationalization) की प्रक्रिया पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की पैनी नजर है। यह प्रक्रिया शिक्षकों की नियुक्ति, स्थानांतरण और स्कूलों में संसाधनों के समुचित वितरण को सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर कई याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई हैं, जिनमें शिक्षकों ने स्थानांतरण नीति और प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं।
हाईकोर्ट ने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत हुए स्थानांतरणों की वैधता और निष्पक्षता की जांच के लिए सुनवाई शुरू की है। कोर्ट ने सरकार से इस प्रक्रिया का विस्तृत ब्योरा मांगा है, जिसमें शिक्षकों की नियुक्ति, रिक्त पदों की स्थिति और स्थानांतरण के आधार शामिल हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कुछ मामलों में स्थानांतरण नियमों का उल्लंघन किया गया है, जिससे शिक्षकों को असुविधा हुई है।
हाईकोर्ट में अब तक की प्रगति
सुनवाई का दौर: हाईकोर्ट ने हाल ही में इस मामले में कई सुनवाइयां की हैं। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को पारदर्शी और नियमों के अनुरूप लागू किया जाए।
शिक्षकों की शिकायतें: शिक्षकों ने दूरदराज के क्षेत्रों में अनावश्यक स्थानांतरण और रिक्त पदों पर भर्ती में देरी की शिकायत की है।
संभावित बदलाव: हाईकोर्ट के निर्देशों के आधार पर सरकार युक्तियुक्तकरण नीति में संशोधन कर सकती है। इसमें स्थानांतरण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने, शिक्षकों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू करने और रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती जैसे कदम शामिल हो सकते हैं।
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क्या हो सकते हैं भविष्य के बदलाव?
हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद शिक्षा विभाग में निम्नलिखित बदलाव संभावित हैं:
पारदर्शी स्थानांतरण नीति: स्थानांतरण के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश और ऑनलाइन प्रणाली लागू की जा सकती है, ताकि शिक्षकों को अपनी प्राथमिकताएं दर्ज करने का अवसर मिले।
रिक्त पदों पर भर्ती: शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए तेजी से भर्ती प्रक्रिया शुरू हो सकती है। हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने विभिन्न विभागों में 36,420 पदों पर भर्ती की घोषणा की है, जिसमें शिक्षा विभाग भी शामिल है।
निगरानी तंत्र: युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया जा सकता है, जो प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करे।
शिक्षकों के लिए सुविधाएं: दूरदराज के क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों के लिए आवास, परिवहन और अन्य सुविधाओं को बेहतर करने पर जोर दिया जा सकता है।
सरकार का रुख
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने सुशासन और पारदर्शिता पर जोर दिया है। हाल के महीनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई, जैसे शराब घोटाले में 22 आबकारी अधिकारियों का निलंबन, इस दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शिक्षा विभाग में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को भी इसी पारदर्शिता के साथ लागू करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हाईकोर्ट की निगरानी इसे और सुदृढ़ कर सकती है।