पीएम मोदी की नई पहल से नॉर्थ ईस्ट में तकनीकी क्रांति की उम्मीद
*नार्थ - ईस्ट सम्मिट*
Published on: May 23, 2025
By: BTI
Location: Guwahati, India
राइजिंग नॉर्थ ईस्ट सम्मिट के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक प्रेरक और दूरदर्शी भाषण दिया, जिसमें उन्होंने नॉर्थ ईस्ट को ‘विकसित भारत’ के सपने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा करार दिया। असम की राजधानी गुवाहाटी में आयोजित इस सम्मिट में पीएम मोदी ने नॉर्थ ईस्ट के विकास को देश की प्रगति का आधार बताते हुए क्षेत्र के युवाओं, उद्यमियों और निवेशकों को नए अवसरों के लिए प्रेरित किया।

सेमीकंडक्टर हब और तकनीकी क्रांति पीएम मोदी ने हाल ही में असम में प्रस्तावित सेमीकंडक्टर हब का जिक्र करते हुए कहा कि यह परियोजना नॉर्थ ईस्ट को वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर एक नई पहचान देगी। उन्होंने कहा, “रायपुर के बाद अब असम में सेमीकंडक्टर हब की स्थापना नॉर्थ ईस्ट को तकनीकी और औद्योगिक केंद्र बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह क्षेत्र के युवाओं को रोजगार और नवाचार के नए अवसर प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में नॉर्थ ईस्ट के पहले सेमीकंडक्टर हब की स्थापना की घोषणा कर देश के तकनीकी और औद्योगिक विकास में एक नया अध्याय जोड़ने का संकल्प जताया है। रायपुर में हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि रायपुर के बाद अब असम में सेमीकंडक्टर हब की शुरुआत होगी, जो नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र को वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
असम में सेमीकंडक्टर हब: एक ऐतिहासिक कदम
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह सेमीकंडक्टर हब न केवल असम, बल्कि पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए विकास का एक नया द्वार खोलेगा। इस परियोजना को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन के तहत लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि भारत न केवल सेमीकंडक्टर का उपभोक्ता बने, बल्कि इसका उत्पादन कर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अहम भूमिका निभाए। असम का यह हब नॉर्थ ईस्ट के युवाओं को रोजगार, नवाचार और तकनीकी प्रगति का अवसर प्रदान करेगा।”
Also read- https://www.btnewsindia.com/मिनी-बांग्लादेश-का-सफाया/ https://www.btnewsindia.com/राहुल-गांधी-सोच-समझकर-पाक/
टाटा ग्रुप की भूमिका और परियोजना का महत्व
इससे पहले, मार्च 2024 में असम के जागीरोड में टाटा ग्रुप द्वारा स्वदेशी सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण केंद्र की आधारशिला रखी गई थी। इस परियोजना को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ऐतिहासिक करार दिया था। अब, इस नए हब की घोषणा के साथ, असम तकनीकी क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाने को तैयार है। यह हब नॉर्थ ईस्ट को इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे उभरते क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
रोजगार और आर्थिक विकास की संभावनाएं
सेमीकंडक्टर हब से असम और नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना क्षेत्र में स्टार्टअप्स और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगी। साथ ही, यह भारत को सेमीकंडक्टर उत्पादन में वैश्विक नेता बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
नॉर्थ ईस्ट के लिए पीएम का विशेष ध्यान
प्रधानमंत्री मोदी ने नॉर्थ ईस्ट को देश की प्रगति का ‘ग्रोथ इंजन’ बताते हुए कहा कि पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुआ है। उन्होंने कहा, “असम में सेमीकंडक्टर हब नॉर्थ ईस्ट को तकनीकी और औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। यह क्षेत्र अब केवल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए ही नहीं, बल्कि तकनीकी उत्कृष्टता के लिए भी जाना जाएगा।”

विपक्ष की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजनाएं
जहां सरकार इस परियोजना को लेकर उत्साहित है, वहीं विपक्ष ने इसे लागू करने की समयसीमा और पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस हब का लाभ स्थानीय लोगों को मिले। जवाब में, सरकार ने आश्वासन दिया है कि परियोजना के लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
निष्कर्ष
असम में सेमीकंडक्टर हब की स्थापना की घोषणा नॉर्थ ईस्ट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देगी, बल्कि भारत को वैश्विक तकनीकी क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगी। पीएम मोदी का यह कदम नॉर्थ ईस्ट के युवाओं और उद्यमियों के लिए नई उम्मीदों का प्रतीक है।