आलोक शर्मा ने लगाया पक्षपात का आरोप, चित्रा की प्रतिक्रिया ने छेड़ा नया विवाद
Published on: July 28, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
हाल ही में आज तक के एक डिबेट शो ‘दंगल’ में मशहूर न्यूज एंकर चित्रा त्रिपाठी और कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा के बीच तीखी बहस ने सुर्खियां बटोरीं। बहस के दौरान आलोक शर्मा ने चित्रा पर बीजेपी के पक्ष में पत्रकारिता करने का आरोप लगाया, जिससे चित्रा त्रिपाठी भड़क गईं। आलोक शर्मा ने कहा, “आप पत्रकारिता नहीं कर रही हैं, बल्कि अपने मालिक (मोदी) के कहने पर प्रोपेगैंडा चला रही हैं।”

इस टिप्पणी पर चित्रा ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “मेरे जेहन में जो सवाल होगा, वही पूछूंगी।” इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें चित्रा की प्रतिक्रिया को ‘मोये मोये मोमेंट्स’ के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।कांग्रेस प्रवक्ता ने चित्रा पर बीजेपी के लिए पक्षपातपूर्ण सवाल पूछने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह बीजेपी प्रवक्ता से भी ज्यादा उत्साह से पार्टी का बचाव करती हैं।
इस दौरान आलोक शर्मा ने एक बयान चलाकर चित्रा के तर्कों को चुनौती दी, जिसके बाद चित्रा ने जवाब में कहा, “आलोक शर्मा जी, गीदड़ भभकी का डर नहीं है।” इस बहस ने चित्रा त्रिपाठी की पत्रकारिता की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे ‘पत्रकारिता की पोल खुलने’ का सबूत बताया, जबकि चित्रा के समर्थकों ने इसे उनकी निडरता का उदाहरण माना।
यह पहली बार नहीं है जब चित्रा त्रिपाठी पर पक्षपात का आरोप लगा है। इससे पहले 2023 में भी कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान चित्रा पर पीएम मोदी की तारीफ करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा, 2024 में एक वायरल वीडियो में चित्रा को कथित तौर पर कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी करते दिखाया गया, जिसे बाद में फर्जी और डिजिटली एडिटेड साबित किया गया। चित्रा ने इस वीडियो को खारिज करते हुए दिल्ली पुलिस और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग कर कार्रवाई की मांग की थी।
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इस ताजा विवाद ने एक बार फिर चित्रा त्रिपाठी की पत्रकारिता शैली को कटघरे में खड़ा किया है। कुछ लोगों का मानना है कि चित्रा की आक्रामक शैली और डिबेट में उनके सवालों का तरीका पक्षपात को दर्शाता है, जबकि अन्य का कहना है कि वह केवल तीखे सवालों के जरिए सच सामने लाने की कोशिश करती हैं। यह बहस न केवल पत्रकारिता की निष्पक्षता पर सवाल उठाती है, बल्कि भारतीय मीडिया में बढ़ते ध्रुवीकरण को भी उजागर करती है। इस बीच, सोशल मीडिया पर चित्रा के खिलाफ ‘गोदी मीडिया’ के तंज और मीम्स की बाढ़ आ गई है, जो इस विवाद को और हवा दे रही है।