Published on: May 08, 2025
By: BTI
Location: Uttarakhand, India
हर साल लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में स्थित यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के पवित्र धामों की यात्रा पर निकलते हैं। यह यात्रा केवल धार्मिक महत्व की नहीं, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता और आत्मिक शांति से भी परिपूर्ण होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चारधाम मार्ग के आस-पास ऐसे कई अनछुए स्थान भी हैं जो आपकी यात्रा को और भी अद्भुत बना सकते हैं?
चारधाम यात्रा के दौरान यदि आप थोड़ा समय इन स्थलों को देने का मन बना लें, तो आपका अनुभव सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि रोमांचक और आत्मिक भी बन जाएगा। यहां हम बता रहे हैं 9 ऐसे स्थल जो चारधाम यात्रा के रास्ते में पड़ते हैं और ज़रूर देखने लायक हैं:
1. हर्षिल (गंगोत्री के पास)
गंगोत्री से करीब 25 किमी दूर यह शांत घाटी पहाड़ों और देवदार के वृक्षों से घिरी है। भागीरथी नदी के किनारे बसे इस क्षेत्र में सेब के बागान और शुद्ध पर्वतीय हवा यात्रा को यादगार बना देती है।

2. माणा गांव (बद्रीनाथ के पास)
भारत का आखिरी गांव, माणा, बद्रीनाथ से केवल 3 किमी दूर है। यहां व्यास गुफा, भीम पुल जैसे पौराणिक स्थल हैं। मान्यता है कि पांडव स्वर्ग जाने के मार्ग में यहां से होकर गुज़रे थे।

3. त्रियुगीनारायण मंदिर (केदारनाथ के पास)
सोनप्रयाग से लगभग 13 किमी दूर स्थित इस मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। यहां की पवित्र अग्नि को अनादिकाल से जलता हुआ माना जाता है।

4. गुप्तकाशी
केदारनाथ जाते समय पड़ने वाला यह धार्मिक स्थल विश्वनाथ और अर्धनारीश्वर मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। कम भीड़-भाड़ और आध्यात्मिक शांति इसे खास बनाती है।

5. पांडुकेश्वर (जोशीमठ और बद्रीनाथ के बीच)
यह छोटा गांव राजा पांडु द्वारा बसाया गया माना जाता है। यहां योगध्यान बद्री और वासुदेव मंदिर स्थित हैं, जो शीतकाल में भी खुले रहते हैं।

6. कालिमठ (गुप्तकाशी के पास)
108 शक्तिपीठों में से एक, यह मंदिर देवी काली को समर्पित है। यहां की विशेष पूजा केवल नवरात्रि में होती है, और यह स्थल सरस्वती नदी के तट पर बसा है।

7. औली (जोशीमठ के पास)
जोशीमठ से थोड़ी दूरी पर स्थित औली स्कीइंग और हिमालयी दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यह रोमांच और प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श स्थल है।

8. गौरीकुंड (केदारनाथ यात्रा का प्रारंभ स्थल)
केदारनाथ पैदल यात्रा की शुरुआत यहीं से होती है। मान्यता है कि यहां माता पार्वती ने शिव जी को पाने के लिए तप किया था। यहां एक गर्म जलकुंड भी है।

9. जोशीमठ
बद्रीनाथ और औली जाने का मुख्य पड़ाव जोशीमठ आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठों में से एक है और यह आध्यात्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

चारधाम यात्रा भारत की सबसे पवित्र यात्राओं में से एक है, लेकिन जब आप इसके साथ इन प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों को भी जोड़ते हैं, तो यह अनुभव और भी स्मरणीय बन जाता है। हर्षिल की शांति, माणा की पौराणिकता और औली की बर्फीली ढलानों में छिपी प्रकृति की गोद—हर कोई यहां से कुछ न कुछ नया लेकर लौटता है।
यह यात्रा मार्ग मौसम, सड़क की स्थिति और मंदिर के खुलने के समय के अनुसार बदल सकता है। कृपया यात्रा से पूर्व अद्यतन जानकारी प्राप्त करें। कई स्थान शीतकाल में बंद रह सकते हैं।