रियो नीग्रो घाटी के ऊपर तेज़ रफ्तार ज़िपलाइन से ग्रामीणों का सफर, बच्चों से लेकर सामान तक पहुँचता है मिनटों में
Published on: September 03, 2025
By: BTNI
Location: Colambia
कोलंबिया के सुदूर अकासियास गाँव में एक 300 मीटर लंबी ज़िपलाइन स्थानीय लोगों के लिए परिवहन का प्रमुख साधन बन चुकी है, जो रियो नीग्रो घाटी के ऊपर से गुजरती है। यह अनोखी ज़िपलाइन न केवल बच्चों को स्कूल पहुँचाने और दैनिक सामान लाने-ले जाने का काम करती है, बल्कि यह गाँव को बाहरी दुनिया से जोड़ने वाली जीवन रेखा भी है। इस ज़िपलाइन की मदद से ग्रामीण 30 सेकंड में घाटी पार कर लेते हैं, जो पैदल चलकर 2 से 3 घंटे का कठिन सफर होता।
हाल ही में इसकी एक वीडियो ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है, जिसे लोग “प्रकृति और मानव सरलता का अद्भुत संगम” बता रहे हैं।अकासियास, मेटा प्रांत में स्थित यह गाँव, बोगोटा से 40 मील दक्षिण-पूर्व में एक दुर्गम क्षेत्र में बसा है। यहाँ के निवासियों के लिए रियो नीग्रो घाटी को पार करना हमेशा से एक चुनौती रहा है। लगभग 50 साल पुरानी इस ज़िपलाइन प्रणाली में दो स्टील केबल हैं—एक जाने के लिए और दूसरी वापसी के लिए।
ग्रामीण एक साधारण हार्नेस और लकड़ी के त्रिकोणीय टुकड़े का उपयोग करते हैं, जो ब्रेक का काम करता है। इस ज़िपलाइन पर बच्चे, भोजन, छोटे जानवर, और यहाँ तक कि छोटे बच्चों को बैग में रखकर भी ले जाया जाता है। यह केबल 230 मीटर की ऊँचाई पर तनी है और इस पर 55 मील प्रति घंटे की रफ्तार से सफर किया जा सकता है। इस ज़िपलाइन की खासियत इसकी सादगी और प्रभावशीलता है। एक वायरल वीडियो में देखा गया कि एक महिला बिना किसी डर के ज़िपलाइन पर बैठकर घाटी पार करती है, जबकि दूसरी ओर से एक पुरुष वापसी के लिए ज़िपलाइन का उपयोग करता है।
वीडियो में दिखाया गया है कि दोनों तरफ ऊँचे बिंदुओं से शुरू होने वाली ये केबल घाटी के निचले हिस्से तक जाती हैं, और वापसी के लिए ग्रामीणों को केवल कुछ दर्जन मीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। यह प्रणाली न केवल समय बचाती है, बल्कि घने जंगलों और खतरनाक रास्तों से बचने का एक सुरक्षित विकल्प भी प्रदान करती है। स्थानीय लोगों द्वारा पूरी तरह से बनाए रखी जाने वाली यह ज़िपलाइन सरकारी सहायता के बिना संचालित होती है। ग्रामीणों ने इसे अपनी मेहनत और सामुदायिक सहयोग से बनाया और मेंटेन किया है।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमने सरकार से 50 साल तक सड़क की माँग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यह ज़िपलाइन हमारी जिंदगी का हिस्सा है।” छोटे बच्चों के लिए, जो खुद सफर नहीं कर सकते, माता-पिता या बड़े भाई-बहन उन्हें बैग में रखकर ले जाते हैं। इस प्रणाली को 1804 में जर्मन खोजकर्ता अलेक्जेंडर वॉन हंबोल्ट ने सबसे पहले देखा था, जब यह हेम्प रस्सियों से बनी थी, जिसे बाद में स्टील केबल से बदल दिया गया। हालाँकि यह ज़िपलाइन रोमांचक और समय बचाने वाली है, लेकिन कुछ लोग इसे जोखिम भरा मानते हैं।
सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने इसे “खतरनाक” बताया, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह उनके लिए रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है। एक यूजर ने लिखा, “यह देखकर डर लगता है, लेकिन ये लोग इसे बचपन से इस्तेमाल करते हैं। यह उनके लिए कार या बस की तरह ही सामान्य है।” दूसरों ने इसकी तारीफ करते हुए कहा कि यह सामुदायिक एकजुटता और मानव सरलता का प्रतीक है। यह वीडियो इंटरनेट पर लाखों बार देखा जा चुका है, जिसे यूट्यूब और अन्य प्लेटफॉर्म पर साझा किया गया है।
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इसने न केवल अकासियास गाँव की अनोखी जीवनशैली को दुनिया के सामने लाया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे सीमित संसाधनों में भी लोग अपने जीवन को आसान बनाने के लिए रचनात्मक समाधान निकालते हैं। पर्यावरणविदों और साहसिक पर्यटन प्रेमियों ने इस ज़िपलाइन को देखने की इच्छा जताई है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह उनके लिए पर्यटन का साधन नहीं, बल्कि दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
अकासियास की 300 मीटर लंबी ज़िपलाइन कोलंबिया के इस सुदूर गाँव की जीवन रेखा है, जो ग्रामीणों को समय, मेहनत और जोखिम से बचाती है। यह न केवल एक परिवहन साधन है, बल्कि सामुदायिक सहयोग और मानव की अनुकूलन क्षमता का प्रतीक भी है। इस वायरल वीडियो ने दुनिया को दिखाया कि कैसे एक छोटा सा गाँव अपनी चुनौतियों का सामना करने के लिए अनोखे तरीके अपनाता है, और यह हमें प्रकृति और मानवता के बीच संतुलन की याद दिलाता है।