खाद में मिलावट व कालाबाजारी तथा धान के समर्थन मूल्य पर उठाए सवाल
Published on: August 05, 2025
By: BTNI
Location: Rajnandgaon, India
छत्तीसगढ़ प्रदेश किसान संघ ने एक बार फिर किसानों की समस्याओं को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है। विगत शुक्रवार को संघ के अध्यक्ष सुदेश टीकम के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचा और एडीएम मैडम बंजारे को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
इस ज्ञापन में खाद की कालाबाजारी, भंडारण में लापरवाही, समर्थन मूल्य पर फसल खरीद और बकाया भुगतान जैसे ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया है।
सुरेश टीकम ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार पर खाद आपूर्ति में गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खाद की कालाबाजारी और अनुपलब्धता के कारण किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, बाजार में खाद की कमी, मिलावट और भंडारण में लापरवाही से फसल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने तत्काल इस समस्या के समाधान की मांग की।
समर्थन मूल्य और बकाया भुगतान पर जोर
किसान नेता ने समर्थन मूल्य पर फसल खरीद को लेकर भी सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा, “किसानों का एक-एक दाना समर्थन मूल्य पर खरीदा जाना चाहिए इसके लिए राज्य सरकार को केंद्र से दृढ़तापूर्वक आग्रह किया जाना चाहिए कि केंद्रीय पूल में चावल की खरीद मात्रा बढ़ाई जाए राज्य सरकार को समर्थन मूल्य पर अधिकतम फसल खरीद सुनिश्चित करनी चाहिए।”
उन्होंने पिछले वर्ष की राजीव न्याय योजना के तहत बकाया भुगतान और गत वर्ष प्रति क्विंटल के बढ़ाए गए समर्थन मूल्य के भुगतान की मांग भी उठाई। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार द्वारा जो जारी सीजन के लिए समर्थन मूल्य तय हुआ है उसके अनुसार भुगतान करना सुनिश्चित करने को कहा।
धान का बंपर उत्पादन और क्रॉप रोटेशन की चुनौती
ज्ञापन देने के बाद कलेक्टरेट से बाहर निकलते हुए उनसे बातचीत के दौरान पूछा गया कि छत्तीसगढ़ में धान का बंपर उत्पादन हो रहा है, लेकिन सरकार इसे कम कीमत पर बेच रही है तो उन्होंने कहा कि 3200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीदी हुई और आज इसे 1900 रु प्रति क्विंटल के भाव से बेचा जा रहा है, जो सरकारी खजाने और जनता के लिए घाटे का सौदा है।”
Also read- https://www.btnewsindia.com/योग-जीवन-जीने-की-कला-चौथे-च/ https://www.btnewsindia.com/मुख्यमंत्री-मोहन-यादव-और/
सुदेश टीकम ने आगे कहा कि क्रॉप रोटेशन (फसल चक्र परिवर्तन) को बढ़ावा देने की जरूरत का समर्थन किया लेकिन खरीफ सीजन में इसे लागू करना मुश्किल बताया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में औसतन 1100 मिलीमीटर वर्षा होती है और”खरीफ में अधिक पानी और कीचड़ तथा गड्ढेनुमा खेत के कारण धान के अलावा दूसरी फसलों का उत्पादन अनुकूल नहीं है। हालांकि, रबी सीजन में अन्य फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा से किसान प्रोत्साहित होकर इस दिशा में मुड़ सकता है।
किसान संघ की सक्रियता और आंदोलन की चेतावनी
पिछले कुछ वर्षों से किसान संघ अपनी सक्रियता और आंदोलनों के लिए चर्चित रहा है। सुरेश टीकम ने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों पर तुरंत ध्यान नहीं दिया, तो संघ अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने को मजबूर होगा। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता किसानों के हित हैं।
ज्ञापन सौंपने के दौरान सुरेश टीकम के साथ बड़ी संख्या में किसान और समर्थक मौजूद थे। इस प्रदर्शन ने एक बार फिर जिले में किसानों की समस्याओं को सुर्खियों में ला दिया है। किसान संघ ने सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की है, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके और खेती से जुड़ी समस्याओं का समाधान हो।