सीएम योगी के नेतृत्व में सुरक्षा, स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम
Published on: July 20, 2025
By: [BTNI]
Location: Lucknow, India
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा 2025 का भव्य आयोजन 11 जुलाई से शुरू हो चुका है, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस पवित्र यात्रा को सुरक्षित, सुगम और भक्तिमय बनाने के लिए अभूतपूर्व व्यवस्थाएं की गई हैं। सीएम योगी ने अपने संदेश में भगवान शिव की वंदना करते हुए कहा, “शिव का वंदन, सनातन, श्रद्धा एवं भारत की एकता का अभिनंदन… देवाधिदेव महादेव सबका कल्याण करें। हर हर महादेव!” यह संदेश कांवड़ियों में उत्साह और भक्ति का संचार कर रहा है।
सुरक्षा और निगरानी में तकनीक का उपयोग
उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। 29,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और 395 ड्रोन के माध्यम से यात्रा मार्गों की रीयल-टाइम निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, एटीएस, आरएएफ, और क्यूआरटी जैसे विशेष बलों की तैनाती की गई है। मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर जैसे सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। हेलीकॉप्टर से यात्रा मार्गों की निगरानी और श्रद्धालुओं पर फूल बरसाने की व्यवस्था भी की गई है, जो यात्रा को और भी आध्यात्मिक बनाएगी।
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स्वच्छता और सुविधाओं पर विशेष ध्यान
यात्रा मार्गों को 30 जून तक गड्ढा-मुक्त करने के निर्देश दिए गए थे, और साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय, और स्ट्रीट लाइटिंग की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। 30 एम्बुलेंस, 20 मेडिकल शिविर, 250 चिकित्सा कर्मी, और 180 बेड की व्यवस्था की गई है ताकि आपात स्थिति में त्वरित सहायता मिल सके। कांवड़ मार्गों पर खुले में मांस की बिक्री पर रोक और जर्जर बिजली तारों की मरम्मत जैसे कदम भी उठाए गए हैं।
महिला कांवड़ियों के लिए विशेष इंतजाम
महिला कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए 10,000 से अधिक महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती और 150 महिला सहायता डेस्क की स्थापना की गई है। मुजफ्फरनगर में सीओ रिशिका सिंह द्वारा महिला और बच्चों की थकान मिटाने के लिए उनके हाथ-पैर की मालिश जैसे मानवीय प्रयासों ने यात्रा को और भी यादगार बना दिया है।
अंतरराज्यीय समन्वय और सामाजिक समरसता
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, और राजस्थान के अधिकारियों के बीच व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से रीयल-टाइम सूचना साझा की जा रही है। साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और धार्मिक प्रतीकों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त निगरानी की जा रही है। यह यात्रा सामाजिक एकता को बढ़ावा देती है, जहां जातिगत भेदभाव के बिना सभी शिव भक्त एकजुट होकर भक्ति में लीन होते हैं।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
कांवड़ यात्रा, जो भगवान शिव के प्रति अटूट भक्ति का प्रतीक है, हरिद्वार, गंगोत्री, और सुल्तानगंज जैसे पवित्र स्थानों से गंगाजल लाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने की परंपरा को जीवंत रखती है। यह यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, जो समाज के विभिन्न वर्गों को एक मंच पर लाती है।
उत्तर प्रदेश सरकार की इन व्यापक व्यवस्थाओं ने कांवड़ यात्रा 2025 को न केवल एक धार्मिक आयोजन, बल्कि श्रद्धा, अनुशासन, और सामाजिक एकता का प्रतीक बना दिया है। यह यात्रा शिव भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और सामाजिक समरसता का एक अनुपम अवसर है।