विवाद और प्रतिक्रियाएँ
Published on: May 17, 2025
By: BTI
Location: New Delhi
भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंचों पर देश का पक्ष मजबूती से रखने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह निर्णय तब चर्चा का विषय बन गया जब यह सामने आया कि कांग्रेस ने अपने चार सुझाए गए नामों में थरूर का नाम शामिल नहीं किया था, फिर भी सरकार ने उन्हें इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए चुना।
मोदी सरकार के इस कदम की आम लोगों में भी भारी प्रतिक्रिया देखी जा रही है और लोग इसे एक शानदार कदम बता रहे हैं। शशि थरूर विदेशी मामलों के बड़े अच्छे जानकार हैं और उन्हें इस क्षेत्र का लंबा अनुभव भी है।

पृष्ठभूमि और विवाद
केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस, से चार नेताओं के नाम मांगे थे, जो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आतंकवाद विरोधी नीति का प्रतिनिधित्व कर सकें। कांग्रेस द्वारा दिए गए नामों में शशि थरूर का नाम न होने के बावजूद, सरकार ने उन्हें इस सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपा। इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी। कुछ लोगों ने इसे सरकार की रणनीति के रूप में देखा, जबकि कुछ ने इसे थरूर की कूटनीतिक क्षमता पर भरोसा माना।
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इस निर्णय पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता रोहन गुप्ता ने एक्स पर लिखा, “अगर सरकार ने शशि थरूर जैसे अनुभवी और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सिद्ध नेता को चुना है, तो इसमें कांग्रेस को ऐतराज़ क्यों है? थरूर संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक संस्थानों में भारत की सशक्त आवाज़ रहे हैं।” दूसरी ओर, कुछ एक्स उपयोगकर्ताओं ने इस नियुक्ति को कांग्रेस के आंतरिक मतभेदों को उजागर करने वाला कदम बताया।
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शशि थरूर की प्रतिक्रिया
शशि थरूर ने इस नियुक्ति पर अपनी प्रतिक्रिया में देश सेवा को सर्वोपरि बताया। उन्होंने एक्स पर ट्वीट किया, “मुझे आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखने के लिए चुना जाना सम्मान की बात है। मैं इसे एक आदेश और जिम्मेदारी मानता हूँ। जब भी देश के लिए सेवा का अवसर मिलेगा, मैं उसे पूरे उत्साह और निष्ठा से निभाऊँगा।” थरूर के इस बयान को उनके समर्थकों ने उनकी देशभक्ति और कूटनीतिक परिपक्वता के रूप में सराहा।
सरकार का रुख और ऑपरेशन सिंदूर
यह प्रतिनिधिमंडल सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति को दर्शाती है। हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने आज भी अपनी बात दुहराई है कि आपरेशन सिंदूर अभी स्थगित है और समाप्त नहीं हुआ है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कहा है कि अब पाकिस्तान द्वारा की गई कोई भी आतंकी वारदात को युद्ध माना जाएगा।