प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्तव्य पथ पर शुरू किया नया अध्याय, सुशासन और जनसेवा के संकल्प को मिला बल
Published on: August 06, 2025
By: BTNI
Location: New Delhi, India
भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली के प्रतिष्ठित कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन-3 का भव्य उद्घाटन किया। यह आधुनिक प्रशासनिक भवन देश के सुशासन, पारदर्शिता और जनसेवा के प्रति समर्पण को नई ऊर्जा प्रदान करने वाला एक ऐतिहासिक कदम है। ‘अमृतकाल’ में विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में यह भवन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
कर्तव्य भवन-3: सुशासन का नया प्रतीक
कर्तव्य भवन-3 का निर्माण भारत सरकार की उस दृष्टि का हिस्सा है, जो प्रशासनिक ढांचे को और अधिक कुशल, आधुनिक और जनकेंद्रित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह भवन न केवल प्रशासनिक कार्यों को गति देगा, बल्कि अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं और पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन के साथ सतत विकास के लक्ष्यों को भी समर्थन देगा। भवन का डिज़ाइन भारतीय संस्कृति और कर्तव्य की भावना को प्रतिबिंबित करता है, जो इसे न केवल एक कार्यालय बल्कि एक प्रेरणास्थल बनाता है।
उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “कर्तव्य भवन-3 सुशासन और जनसेवा का प्रतीक है। यह भवन उन अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा, जो देश की प्रगति और जनता की सेवा के लिए दिन-रात समर्पित हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह भवन ‘नए भारत’ के उस संकल्प को दर्शाता है, जो विकास, समावेशिता और पारदर्शिता के आधार पर आगे बढ़ रहा है।
आधुनिकता और पर्यावरण का संगम
कर्तव्य भवन-3 का निर्माण आधुनिक वास्तुकला और पर्यावरण संरक्षण के उच्च मानकों को ध्यान में रखकर किया गया है। भवन में ऊर्जा-कुशल तकनीकों का उपयोग किया गया है, जैसे कि सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन और ऊर्जा संरक्षण प्रणालियाँ। यह न केवल पर्यावरण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि प्रशासनिक कार्य न्यूनतम पर्यावरणीय प्रभाव के साथ संपन्न हों। इसके अतिरिक्त, भवन में अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएँ जैसे स्मार्ट कार्यालय प्रणालियाँ, डिजिटल कनेक्टिविटी और सुरक्षित डेटा प्रबंधन प्रणालियाँ शामिल हैं। ये सुविधाएँ प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी, तेज़ और कुशल बनाएंगी, जिससे जनता को बेहतर सेवाएँ प्रदान की जा सकेंगी।
विकसित भारत की दिशा में एक कदम
‘अमृतकाल’ में भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। यह भवन न केवल प्रशासनिक कार्यों के लिए एक केंद्र होगा, बल्कि यह देशवासियों के लिए उस कर्तव्य भावना का प्रतीक भी है, जो भारत को वैश्विक मंच पर एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि कर्तव्य भवन-3 केवल एक इमारत नहीं है, बल्कि यह ‘नए भारत’ की उस सोच का हिस्सा है, जो हर नागरिक को सशक्त बनाने और हर क्षेत्र में प्रगति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “यह भवन हमें याद दिलाता है कि कर्तव्य और समर्पण के साथ हम अपने देश को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकते हैं।”
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जनसेवा और सुशासन का संदेश
कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन न केवल प्रशासनिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करता है, बल्कि यह देश के हर नागरिक को यह संदेश भी देता है कि सरकार जनकल्याण और सुशासन के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह भवन उन मूल्यों का प्रतीक है, जो भारत को एक समावेशी, प्रगतिशील और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।
कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन भारत के प्रशासनिक तंत्र को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करने वाला एक ऐतिहासिक क्षण है। यह भवन न केवल आधुनिक सुविधाओं और पर्यावरणीय स्थिरता का प्रतीक है, बल्कि यह उस संकल्प को भी रेखांकित करता है, जो भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए लिया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह कदम ‘नए भारत’ की उस यात्रा को और मजबूत करता है, जो कर्तव्य, सुशासन और जनसेवा के आधार पर आगे बढ़ रही है।