मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की शुरुआत
Published on: May 11, 2025
By: Agency
Location: Indore, India
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा की स्थापना के लिए भूमिपूजन समारोह आयोजित किया। इस भव्य आयोजन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया और सिरपुर स्थित देवी अहिल्या सरोवर उद्यान में प्रतिमा स्थापना कार्य का शुभारंभ किया। यह प्रतिमा न केवल इंदौर की सांस्कृतिक पहचान को नया आयाम देगी, बल्कि पर्यटन और आध्यात्मिक जागरूकता को भी बढ़ावा देगी।

प्रतिमा की विशेषताएं और महत्व
यह प्रतिमा 52 फीट ऊंची होगी, जिसमें 39.6 फीट की मूर्ति और इसका संरचनात्मक आधार शामिल है। इसका वजन लगभग 14 टन होगा और इसे जलवायु प्रतिरोधी धातुओं से बनाया जाएगा, जो दीर्घकालिक स्थायित्व सुनिश्चित करेगा। वर्तमान में विश्व की सबसे ऊंची स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा कर्नाटक के उडुपी में 35 फीट ऊंची है, जिसे इंदौर की यह प्रतिमा पीछे छोड़ देगी। इस प्रतिमा को प्रसिद्ध मूर्तिकार नरेश कुमावत द्वारा डिजाइन और निर्मित किया जा रहा है, जिन्होंने देश भर में कई उल्लेखनीय मूर्तियां बनाई हैं।
प्रतिमा स्थल पर स्वामी विवेकानंद के जीवन, शिक्षाओं और दर्शन पर आधारित एक विशेष गैलरी भी स्थापित की जाएगी। इस गैलरी में चित्रों, दस्तावेजों और डिजिटल सामग्री के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करने का प्रयास किया जाएगा। यह स्थल इंदौर के लिए एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में उभरेगा, जो नई पीढ़ी को महापुरुषों के विचारों से जोड़ेगा।
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मुख्यमंत्री का उद्बोधन
भूमिपूजन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। यह प्रतिमा इंदौर की नई पहचान बनेगी और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी। हमारा लक्ष्य न केवल सांस्कृतिक गौरव को बढ़ाना है, बल्कि स्वामी जी के दर्शन को जन-जन तक पहुंचाना भी है।” उन्होंने इंदौर नगर निगम की इस पहल की सराहना की और इसे शहर के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।
इंदौर नगर निगम की पहल
इंदौर नगर निगम ने इस परियोजना को शहर की सांस्कृतिक और पर्यटन क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया है। निगम के अधिकारियों ने बताया कि यह प्रतिमा स्थानीय और वैश्विक स्तर पर इंदौर को एक नई पहचान देगी। समारोह में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक क्षण का उत्साहपूर्वक स्वागत किया।

पर्यटन और सांस्कृतिक प्रभाव
यह प्रतिमा इंदौर को पर्यटन के नक्शे पर और मजबूती से स्थापित करेगी। देवी अहिल्या सरोवर उद्यान पहले से ही शहर का एक प्रमुख आकर्षण है, और इस प्रतिमा के स्थापित होने के बाद यह स्थल और अधिक लोकप्रिय होने की उम्मीद है। साथ ही, स्वामी विवेकानंद के विचारों को बढ़ावा देने से युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का प्रसार होगा।
यह आयोजन इंदौर के लिए गर्व का क्षण है, जो शहर को स्वच्छता और विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाता है।