एयर इंडिया की उड़ान AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से 241 लोगों की मौत, एकमात्र जीवित बचे यात्री की कहानी
Published on: June 13, 2025
By: BTNI
Location: Ahmedabad, India
12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद मेहगनीनगर के बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई, और 28 लोग जमीन पर मारे गए। इस त्रासदी ने कई परिवारों को झकझोर दिया है, जिनमें एक पिता भी शामिल है, जो अपनी लापता पत्नी और 2 साल की बेटी की तलाश में जुटा है।
हादसे का विवरण
उड़ान AI171 ने दोपहर 1:38 बजे (IST) रनवे 23 से उड़ान भरी थी। फ्लाइटराडार24 के अनुसार, विमान 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा, लेकिन 30 सेकंड बाद सिग्नल खो गया। चालक दल ने टेकऑफ के तुरंत बाद मेडे कॉल जारी किया, जिसके बाद विमान एक आवासीय क्षेत्र में हॉस्टल भवन से टकरा गया। दुर्घटना के बाद भयंकर आग और धुएं का गुबार उठा, जिसने बचाव कार्य को और जटिल बना दिया।
अहमदाबाद अग्निशमन और आपातकालीन सेवा विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। 337 अग्निशामक, 60 अग्निशमन वाहन, और 20 पानी के टैंकर घटनास्थल पर तैनात किए गए। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), NDRF, और स्थानीय पुलिस ने भी बचाव कार्य में हिस्सा लिया। आग को एक घंटे में नियंत्रित कर लिया गया, लेकिन बचाव कार्य पांच घंटे तक चला।
एक पिता की तलाश
इस हादसे में बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में खाना बनाने वाले ठाकुर रवि ने अपनी मां और 2 साल की बेटी के लापता होने की बात बताई। उन्होंने कहा, “मैं, मेरी मां, और मेरी पत्नी हॉस्टल में काम करते हैं। दुर्घटना के समय मेरी मां और मेरी बेटी अंदर थीं। वे अभी तक नहीं मिलीं।” उनकी बेटी, जो उनकी मां के साथ हॉस्टल में थी, हादसे के बाद से लापता है। ठाकुर रवि और उनका परिवार लगातार उनकी तलाश में जुटे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है।
एक अन्य परिवार ने भी अपनी 20 वर्षीय बेटी, जो फ्लाइट में केबिन क्रू थी, के लिए उम्मीद बनाए रखी है। एक परिजन ने कहा, “उसका फोन अभी भी बज रहा है,” जिससे उनकी उम्मीदें बरकरार हैं।
एकमात्र जीवित यात्री

विमान में सवार 242 लोगों में से केवल एक यात्री, 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वासकुमार रमेश, जीवित बचे। वे सीट 11A पर बैठे थे, जो इमरजेंसी एक्जिट के पास थी। रमेश ने बताया कि टेकऑफ के 30 सेकंड बाद एक जोरदार आवाज सुनाई दी, और फिर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उन्होंने इमरजेंसी एक्जिट का उपयोग कर बाहर निकलने में कामयाबी हासिल की। अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है, और डॉ. धवल गमेती के अनुसार, वे खतरे से बाहर हैं। उनके भाई नयन ने इसे “चमत्कार” बताया।
जांच और प्रतिक्रिया
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने जांच शुरू कर दी है, जिसमें अमेरिका का राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) और बोइंग की तकनीकी टीमें सहायता कर रही हैं। काले बक्से की खोज जारी है, जो हादसे के कारणों का खुलासा कर सकता है। प्रारंभिक रिपोर्टों में तकनीकी खराबी की आशंका जताई गई है, क्योंकि विमान का लैंडिंग गियर ऊपर नहीं उठा था और फ्लैप्स रिट्रैक्टेड दिखाई दिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जून को घटनास्थल का दौरा किया और एकमात्र जीवित यात्री से मुलाकात की। उन्होंने X पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “अहमदाबाद की त्रासदी ने हमें स्तब्ध और दुखी किया है। यह हृदयविदारक है। मेरी संवेदनाएं प्रभावित लोगों के साथ हैं।”
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हादसे का प्रभाव
विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, और 1 कनाडाई नागरिक सवार थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी मारे गए। जमीन पर मरने वालों में कम से कम 5 मेडिकल छात्र शामिल हैं। अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में शवों की पहचान के लिए फिंगरप्रिंट, डेंटल स्ट्रक्चर, और डीएनए टेस्टिंग की जा रही है।
एयर इंडिया ने एक आपातकालीन हेल्पलाइन (1800 5691 444) शुरू की है और प्रभावित परिवारों के लिए दिल्ली और मुंबई से अहमदाबाद के लिए राहत उड़ानें आयोजित की हैं। टाटा समूह, एयर इंडिया के मालिक, ने मृतकों के परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
निष्कर्ष
यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा है और भारत में हाल के दशकों में सबसे भीषण विमानन त्रासदियों में से एक है। ठाकुर रवि जैसे लोग, जो अपनी मां और बेटी की तलाश में हैं, इस त्रासदी के मानवीय दर्द को दर्शाते हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, उम्मीद है कि इस हादसे के कारणों का पता चलेगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।