Tuesday, August 12, 2025
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सुप्रीम कोर्ट ने BCI से पूछा: गरीब लॉ ग्रेजुएट्स के लिए AIBE पंजीकरण शुल्क में छूट संभव?

सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से पूछा है कि क्या आर्थिक रूप से कमजोर लॉ ग्रेजुएट्स को ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) के पंजीकरण शुल्क में छूट दी जा सकती है। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस चंदुरकर की बेंच ने याचिकाकर्ता कुलदीप मिश्रा की दलीलों पर संज्ञान लेते हुए BCI को एक व्यवहारिक और समावेशी नीति तैयार करने के लिए कहा है। कोर्ट ने दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

सीबीआई निदेशक की नियुक्ति में मुख्य न्यायाधीश की भूमिका: विवाद का नया अध्याय

सीबीआई निदेशक की नियुक्ति में भारत के मुख्य न्यायाधीश की भूमिका को लेकर एक नई संवैधानिक बहस शुरू हो गई है। विशेषज्ञ जहां इसे एजेंसी की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने का माध्यम मानते हैं, वहीं कुछ इसे कार्यपालिका की स्वायत्तता में न्यायपालिका का हस्तक्षेप करार दे रहे हैं। वैश्विक परिप्रेक्ष्य में यह प्रणाली अद्वितीय है और भारत की शासन व्यवस्था में संतुलन तथा पारदर्शिता को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे रही है।

नूपुर शर्मा और वजाहत खान के मामले में सुको पर दोहरे मापदंड का आरोप

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नूपुर शर्मा और वजाहत खान के मामलों में दिए गए अलग-अलग फैसलों पर हिंदू संगठनों और सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कई संगठनों ने इसे दोहरे मापदंड का उदाहरण बताया है।

सुप्रीम कोर्ट की वकीलों के विरुद्ध टिप्पणी से नाराज़ वकील

सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी से नाराज वकीलों ने अपने पेशे की गरिमा की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मुख्य न्यायाधीश द्वारा वकीलों की कार्यशैली पर की गई टिप्पणी को अपमानजनक मानते हुए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और अन्य संगठनों ने माफी की मांग की है। इस मुद्दे ने न्यायपालिका और वकील समुदाय के बीच संवाद की आवश्यकता को उजागर कर दिया है।

*चीफ जस्टिस संजीव खन्ना हुए रिटायर*,

सुप्रीम कोर्ट के 51वें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के सेवानिवृत्त होने के बाद जस्टिस बीआर गवई ने देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। जस्टिस गवई का कार्यकाल 23 नवंबर 2025 तक रहेगा।

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के अधिकार को लेकर सीधे लगाई प्रश्नों की झड़ी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के संदर्भ में संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत सलाह मांगते हुए 14 महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं। इनमें सबसे प्रमुख सवाल यह है कि क्या सुप्रीम कोर्ट कार्यपालिका—जैसे राज्यपाल और राष्ट्रपति—को विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समयसीमा निर्धारित करने का निर्देश दे सकता है। इस मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्र सरकार ने भी आपत्ति जताई है, जिससे कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच टकराव की स्थिति बनती दिख रही है। यह मामला अब संविधान में शक्तियों के संतुलन को स्पष्ट करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी के लिए कड़ी फटकार लगाई है, इसे 'गैर-जिम्मेदार' करार देते हुए भविष्य में सावधानी बरतने की सख्त हिदायत दी है। कोर्ट ने महात्मा गांधी के पत्रों का उदाहरण देते हुए ऐतिहासिक संदर्भों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने से बचने की नसीहत दी। यह फैसला राष्ट्रवादियों के लिए राहत लेकर आया, जबकि राहुल समर्थकों को निराशा हुई।