Thursday, November 6, 2025
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Tag: सामाजिक न्याय

भोपाल में वन्यजीव संरक्षण के लिए ऐतिहासिक कदम: मध्य प्रदेश टाइगर फाउंडेशन और ग्रीन्स ज़ूलॉजिकल रेस्क्यू के बीच MoU

भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित सर्वदलीय बैठक में सभी प्रमुख दलों ने एकजुट होकर मध्य प्रदेश में OBC वर्ग के लिए 27% आरक्षण लागू करने का संकल्प पारित किया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नियुक्ति पत्र से वंचित 13% OBC अभ्यर्थियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे। यह पहल प्रदेश में सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।

मध्य प्रदेश में OBC आरक्षण पर ऐतिहासिक एकजुटता: सर्वदलीय बैठक में 27% आरक्षण के लिए संकल्प पारित

भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित सर्वदलीय बैठक में सभी प्रमुख दलों ने एकजुट होकर मध्य प्रदेश में OBC वर्ग के लिए 27% आरक्षण लागू करने का संकल्प पारित किया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नियुक्ति पत्र से वंचित 13% OBC अभ्यर्थियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे। यह पहल प्रदेश में सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।

अमीर परिवार की बेटी ने हड़पी एसटी आरक्षण की सुविधा

एक अमीर परिवार की बेटी ने कथित तौर पर एसटी आरक्षण का दुरुपयोग कर 45,000 रुपये की वार्षिक स्कॉलरशिप हासिल की और इसे बिटकॉइन में निवेश कर 1000% का मुनाफा कमाया। इस मामले ने सामाजिक न्याय और आरक्षण व्यवस्था की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और जनता में बहस तेज हो गई है कि क्या वास्तविक जरूरतमंद छात्रों तक लाभ पहुंच रहा है।

“पिछड़ों की प्रगति, हमारी प्राथमिकता” – मोदी जी का सामाजिक समावेश का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर सामाजिक समावेश और पिछड़े वर्गों के उत्थान को प्राथमिकता बताते हुए कहा, "जो पिछड़ा है, वो हमारी प्राथमिकता है।" यह बयान सरकार की उन योजनाओं को रेखांकित करता है जो समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में व्यापक बदलाव ला रही हैं।

बच्चे पैदा करने में भी आरक्षण? अमृत भारत, अतुल्य भारत का नया रंग!

सोशल मीडिया पर "बच्चे पैदा करने में भी आरक्षण!" जैसी मजाकिया टिप्पणी ने भारत में आरक्षण की व्यापकता और सामाजिक नीतियों पर नई बहस छेड़ दी है। 'अमृत भारत' और 'अतुल्य भारत' के नारों के संदर्भ में यह टिप्पणी जहाँ हास्य का माध्यम बनी, वहीं इसने आरक्षण की सीमाओं और समाज पर इसके प्रभावों को लेकर गंभीर विचार-विमर्श को भी जन्म दिया है।