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भारत ने दुनिया को बता दिया एक चुटकी सिंदूर की कीमत

28 जुलाई 2025 को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान लोजपा (राम विलास) की युवा सांसद शांभवी चौधरी ने अपने ओजपूर्ण भाषण से देश की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक मूल्यों और राष्ट्रीय आत्मसम्मान को मुखरता से रखा। कश्मीर में हुए हिंदुओं के नरसंहार के बाद पाकिस्तान में घुसकर 100 से अधिक आतंकियों को मारने वाले इस ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम देकर भारत ने मातृशक्ति के सम्मान की रक्षा का संदेश दिया। शांभवी ने कहा, “यह नया भारत है, जो डिप्लोमेसी से लेकर डेस्ट्रक्शन तक का रास्ता जानता है।” उनके भाषण की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह ने सराहना की, और सोशल मीडिया पर उनकी क्लिप वायरल हो गई।

झालावाड़ स्कूल हादसा: राष्ट्रपति, पीएम और सीएम,गहलौत सहित कई नेताओं ने जताया शोक

राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में 25 जुलाई 2025 को एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत और 29 के घायल होने की दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और कई अन्य नेताओं ने इस हृदयविदारक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। प्रशासन ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, जबकि स्कूल भवन की जर्जर हालत को लेकर पहले से चेतावनी मिलने के बावजूद कार्रवाई न होने पर सवाल उठ रहे हैं।

SCO दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर से इनकार, भारत ने दिखाया आतंकवाद के खिलाफ अडिग रुख

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उस संयुक्त दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया जिसमें पहलगाम आतंकी हमले की निंदा नहीं की गई थी, लेकिन बलूचिस्तान का उल्लेख किया गया था। यह साहसिक कदम भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाता है और वैश्विक मंच पर चीन-पाकिस्तान की दोहरी रणनीति के खिलाफ एक कड़ा संदेश है।

कांग्रेस की अनुशंसा नहीं फिर भी शशि थरूर को दिया आतंकवाद विरोधी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व:

भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष रखने के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरूर को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का प्रमुख नियुक्त किया है, जबकि कांग्रेस ने अपने सुझाए गए नामों में उनका नाम नहीं दिया था। इस निर्णय ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है, वहीं थरूर ने इसे देश सेवा का अवसर बताते हुए स्वीकार कर लिया है। यह कदम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सरकार की आक्रामक आतंकवाद विरोधी नीति का प्रतीक माना जा रहा है।