Tuesday, August 12, 2025
27.1 C
New Delhi

Tag: कांग्रेस पार्टी

तरुण चुघ का राहुल गांधी पर तीखा प्रहार: “विदेशी आकाओं की स्क्रिप्ट पर नाच रही कांग्रेस”

भाजपा महासचिव तरुण चुघ ने चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता के दौरान राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस पर विदेशी ताकतों के इशारे पर देश की छवि और सेना की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। चुघ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पर निराधार आरोप लगाना कांग्रेस का राजनीतिक हथकंडा बन गया है, जिसे देश की जनता अब सहन नहीं करेगी।

राहुल गांधी ने फिर कोर्ट में मांगी माफी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारतीय सेना पर अभद्र टिप्पणी मामले में लखनऊ की अदालत से जमानत मिल गई है। उन्होंने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दो ₹20,000 के मुचलके भरते हुए माफी मांगी। इससे पहले उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।

राहुल गांधी ने तेलंगाना स्थापना दिवस पर दी शुभकामनाएं

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तेलंगाना के 11वें स्थापना दिवस पर राज्यवासियों को शुभकामनाएं दीं और 'प्रजाला तेलंगाना' के निर्माण की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व द्वारा राज्य गठन के योगदान को याद करते हुए आंदोलन के बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

राहुल गांधी सोच समझकर पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं – भाजपा प्रवक्ता पात्रा

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि वे "सोच-समझकर पाकिस्तान के एजेंट की तरह बात करते हैं।" उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के बयान भारत के खिलाफ पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर "हथियार" देते हैं। पात्रा ने कहा कि यह बयानबाजी महज संयोग नहीं, बल्कि सोची-समझी रणनीति है जो देश की छवि और सेना के मनोबल को कमजोर करती है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि बीजेपी अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे झूठे आरोप लगा रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी के लिए कड़ी फटकार लगाई है, इसे 'गैर-जिम्मेदार' करार देते हुए भविष्य में सावधानी बरतने की सख्त हिदायत दी है। कोर्ट ने महात्मा गांधी के पत्रों का उदाहरण देते हुए ऐतिहासिक संदर्भों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने से बचने की नसीहत दी। यह फैसला राष्ट्रवादियों के लिए राहत लेकर आया, जबकि राहुल समर्थकों को निराशा हुई।