Sunday, August 17, 2025
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Tag: संवैधानिक संतुलन

सीबीआई निदेशक की नियुक्ति में मुख्य न्यायाधीश की भूमिका: विवाद का नया अध्याय

सीबीआई निदेशक की नियुक्ति में भारत के मुख्य न्यायाधीश की भूमिका को लेकर एक नई संवैधानिक बहस शुरू हो गई है। विशेषज्ञ जहां इसे एजेंसी की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने का माध्यम मानते हैं, वहीं कुछ इसे कार्यपालिका की स्वायत्तता में न्यायपालिका का हस्तक्षेप करार दे रहे हैं। वैश्विक परिप्रेक्ष्य में यह प्रणाली अद्वितीय है और भारत की शासन व्यवस्था में संतुलन तथा पारदर्शिता को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे रही है।

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के अधिकार को लेकर सीधे लगाई प्रश्नों की झड़ी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के संदर्भ में संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत सलाह मांगते हुए 14 महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं। इनमें सबसे प्रमुख सवाल यह है कि क्या सुप्रीम कोर्ट कार्यपालिका—जैसे राज्यपाल और राष्ट्रपति—को विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समयसीमा निर्धारित करने का निर्देश दे सकता है। इस मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्र सरकार ने भी आपत्ति जताई है, जिससे कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच टकराव की स्थिति बनती दिख रही है। यह मामला अब संविधान में शक्तियों के संतुलन को स्पष्ट करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।