Wednesday, July 23, 2025
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Tag: संजीरा देवी

उज्जैन में श्रावण के द्वितीय सोमवार को बाबा महाकाल की भव्य सवारी: श्रद्धा और संस्कृति का अलौकिक संगम

श्रावण मास के द्वितीय सोमवार को उज्जैन में निकली बाबा महाकाल की भव्य सवारी ने भक्ति, संस्कृति और एकता का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। जनजातीय कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ और लाखों श्रद्धालुओं की भागीदारी ने इस आयोजन को केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता का जीवंत प्रतीक बना दिया। ऐसे समय में जब देश में भाषाई और सांस्कृतिक मतभेद चर्चा में हैं, यह सवारी एक स्पष्ट संदेश देती है—विविधता में ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।

हामिद अंसारी का सभा में नमाज़ के लिए रोज़ाना 12 बजे प्रस्थान: क्या यह था सोनिया गांधी के नेतृत्व में धर्मनिरपेक्षता का चरम?

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर लगे आरोप—राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान रोज़ाना नमाज़ के लिए 12 बजे सदन छोड़ना—ने सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की धर्मनिरपेक्षता पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। इस विवाद ने देश में चल रहे भाषाई और सांस्कृतिक मतभेदों की पृष्ठभूमि में यह सवाल उठाया है: क्या धर्मनिरपेक्षता का मतलब विशेष तुष्टिकरण है, या सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान? जब संजीरा देवी जैसे नागरिक भाषाई गुंडागर्दी के खिलाफ खड़े होते हैं, तब क्या देश को अपनी धर्मनिरपेक्षता और एकता की परिभाषा दोबारा गढ़नी चाहिए?

महाराष्ट्र में भाषाई गुंडागर्दी: हिंदी बोलने पर संजीरा देवी को निशाना, कब रुकेगा यह तमाशा?

महाराष्ट्र के घाटकोपर में संजीरा देवी पर हिंदी बोलने को लेकर हुए हमले ने भाषाई असहिष्णुता की बहस को फिर हवा दे दी है। "मैं हिंदुस्तानी हूँ, हिंदी बोलूँगी" कहकर उन्होंने साहस का परिचय दिया, लेकिन यह घटना एक गंभीर सवाल खड़ा करती है—क्या भारत में अपनी भाषा बोलना अब खतरे से खाली नहीं रहा? जब तक भाषा को राजनीति और पहचान की लड़ाई में हथियार बनाया जाता रहेगा, तब तक भारत की 'विविधता में एकता' सिर्फ एक नारा बनकर रह जाएगी।