Monday, July 14, 2025
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Tag: शिक्षा सुधार

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संवेदनशील पहल: 2600 से अधिक शिक्षकों के लिए लौटी खुशियाँ

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के 2600 से अधिक बीएड अर्हताधारी शिक्षकों को पुनः सेवा में समायोजित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह संवेदनशील पहल न केवल शिक्षकों के जीवन में नई उम्मीद लेकर आई है, बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।

छत्तीसगढ़ में शिक्षा क्रांति: विष्णु देव साय की प्रतिज्ञा से हर स्कूल में शिक्षक

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की “हर बच्चे को उत्कृष्ट शिक्षा” की प्रतिज्ञा और युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया ने राज्य में शिक्षा क्रांति ला दी है। अब राज्य का कोई भी स्कूल शिक्षक-विहीन नहीं है, जबकि 4728 एकल शिक्षकीय स्कूलों में भी अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति कर शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। यह पहल दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता दोनों को सुदृढ़ करती है।

छत्तीसगढ़ में चार बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द, NCTE की सख्त कार्रवाई

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने छत्तीसगढ़ के चार बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। यह कार्रवाई शिक्षण संस्थानों द्वारा शैक्षणिक मानकों का पालन न करने, वार्षिक परफॉर्मेंस रिपोर्ट न देने और नोटिस का जवाब न देने के चलते की गई। इस फैसले से राज्य में बीएड, डीएलएड और बीएससी बीएड कोर्स की 250 सीटें कम हो जाएंगी। NCTE ने वर्तमान छात्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का आश्वासन दिया है।

2224 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द: NCTE की कार्रवाई में सामने आया फर्जीवाड़ा

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने देशभर के 2224 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। यह कार्रवाई संस्थानों में व्यापक फर्जीवाड़े और शैक्षणिक मानकों के उल्लंघन के चलते की गई है। फर्जी डिग्री, बिना कक्षाओं के संचालन और छात्रों से अवैध फीस वसूली जैसे गंभीर आरोपों के बीच यह कदम शिक्षक शिक्षा में सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में बीएड कॉलेज बंद होने की कगार पर

छत्तीसगढ़ में शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों पर संकट गहराता जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत दो वर्षीय बीएड और डीएलएड कोर्स को समाप्त करने की योजना ने राज्य के सैकड़ों निजी कॉलेजों और हजारों छात्रों को असमंजस में डाल दिया है। अब केवल चार वर्षीय एकीकृत कोर्स को ही मान्यता मिलेगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता तो बढ़ेगी लेकिन बेरोजगारी और संस्थागत बंदी की आशंकाएँ भी गहराई हैं।

NCTE की नई गाइडलाइंस से बीएड कालेज के मालिकों की नींद उड़ी

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) की 2025 की नई गाइडलाइंस के तहत अब बीएड कोर्स केवल मल्टी-डिसिप्लिनरी संस्थानों में संचालित होंगे, जिससे देशभर के 15,000 से अधिक बीएड कॉलेजों को डिग्री कॉलेजों के साथ मर्ज करना होगा। इससे छोटे व स्वतंत्र कॉलेजों में चिंता और असमर्थता का माहौल बन गया है। मर्जर प्रक्रिया की जटिलता, वित्तीय दबाव, और स्वायत्तता के नुकसान को लेकर कॉलेज मालिकों ने NCTE से स्पष्ट दिशानिर्देश और सहायता की मांग की है।

1 वर्षीय बीएड कोर्स में LLB ग्रेजुएट्स को शामिल करने की मांग

देशभर के लाखों लॉ ग्रेजुएट्स ने 1 वर्षीय बीएड कोर्स में पात्रता की मांग उठाई है, जिसमें उन्होंने NEP 2020 की समावेशी शिक्षा की भावना का हवाला देते हुए कहा है कि छह वर्षों की उच्च शिक्षा के बावजूद उन्हें बाहर रखना अन्यायपूर्ण है। विशेषज्ञों और अभ्यर्थियों का मानना है कि LLB डिग्री धारकों को इस कोर्स में शामिल करना समय, संसाधन और प्रतिभा के न्यायसंगत उपयोग की दिशा में एक जरूरी कदम होगा।